Delhi Taj Palace Bomb Threat: राजधानी में हाल के दिनों में फर्जी बम धमकियों ने सुरक्षा तंत्र को चुनौती दे दी है. ताज पैलेस होटल से लेकर उच्च न्यायालय तक, महत्वपूर्ण जगहों पर ईमेल से मिली धमकियों ने दहशत फैलाई. दिल्ली पुलिस ने हर मामले में तेजी से कार्रवाई की. ज्यादातर अलर्ट्स झूठे निकले, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है. ये घटनाएं साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर करती हैं. आइए, इन पर नजर डालें.
ताज पैलेस होटल शनिवार को बम धमकी भरा ईमेल मिला. दिल्ली पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया. अधिकारियों ने बताया कि धमकी के ब्योरे अभी स्पष्ट नहीं. फिर भी, बम निरोधक दस्ते पहुंच गए. सुरक्षा बलों ने होटल परिसर सील कर तलाशी शुरू की. ईमेल का स्रोत खोजा जा रहा है. पुलिस का कहना है कि जांच तेज है. जनता से शांति की अपील की गई. कोई खतरा नहीं पाया गया.
शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को अस्पष्ट ईमेल से अलर्ट मिला. इसमें 'अदालत' का जिक्र था. जज, वकील और कर्मचारी बाहर निकाले गए. सुनवाई रुक गई. बम दस्तों ने पूरे इलाके की छानबीन की. लंबे सर्च के बाद धमकी फर्जी साबित हुई. कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली. साइबर टीम ईमेल ट्रैक कर रही है. यह हाल की झूठी धमकियों का हिस्सा है. कोर्ट अब सामान्य हो गया. मुख्यमंत्री सचिवालय और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज को सोमवार को धमकी ईमेल भेजे गए. इमरजेंसी प्रक्रिया चली. दमकल और बम टीम तैनात हुईं. तोड़फोड़ रोकने के उपाय अपनाए गए. डीसीपी निधिन वलसन ने कहा कि सब सुरक्षित है. कोई हादसा नहीं. जांच में ईमेल गलत जगह का लगता है. पुलिस ने जोखिम नहीं लिया. मरीजों और स्टाफ को बाहर नहीं निकाला गया.
ये मामले दिल्ली के स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ते फर्जी अलर्ट्स का संकेत हैं. डीडीएमए, यातायात पुलिस और स्पेशल यूनिट हाई अलर्ट पर हैं. ज्यादातर धमकियां झूठी होती हैं. फिर भी, हर टिप को सीरियसली लिया जाता है. स्निफर डॉग्स, तकनीकी दल और पहुंच नियंत्रण मानक हैं. अधिकारी कहते हैं कि दहशत नहीं फैलने देंगे. लेकिन सुरक्षा मजबूत रखेंगे. जांच जारी है. इन घटनाओं से साइबर अपराधियों की चालाकी साफ है. वे पब्लिक जगहों को निशाना बनाते हैं. दिल्ली पुलिस साइबर सेल को अपग्रेड कर रही है. कई ईमेल ट्रेस हो चुके हैं. लेकिन अपराधी पकड़ में मुश्किल. विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता जरूरी है. सरकार प्रोटोकॉल सख्त करेगी. दिल्लीवासियों को सावधान रहना होगा. अफवाहें न फैलाएं. भविष्य में कड़े कानून बनेंगे. सुरक्षा पहले.