नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इससे जुड़ी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. जांच एजेंसियों ने इस मामले में जिस महिला डॉक्टर शाहीन को गिरफ्तार किया है, उसके बारे में कई अहम खुलासे हुए हैं. ‘मैडम सर्जन’ के नाम से पहचानी जाने वाली शाहीन न सिर्फ व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की एक अहम कड़ी मानी जा रही है, बल्कि उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्क और यात्रा इतिहास ने भी जांच को नई दिशा दे दी है.
जांच एजेंसियों को डॉक्टर शाहीन के पास तीन अलग-अलग पासपोर्ट मिले हैं. सबसे हैरानी की बात यह है कि तीनों पासपोर्ट में न केवल पते अलग-अलग हैं, बल्कि अभिभावक के नाम भी बदले हुए हैं. एक पासपोर्ट GSVM मेडिकल कॉलेज, कानपुर के पते पर बना है.
दूसरा पासपोर्ट लखनऊ के पते पर दर्ज है.
तीसरे पासपोर्ट में फरीदाबाद का पता दिया गया है, जो बाद में बना था और इसमें इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का एड्रेस दिया गया है. वहीं यूनिवर्सिटी जहां उसका भाई परवेज कार्यरत था. अभिभावक के नामों को लेकर भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. किसी पासपोर्ट में पिता का नाम, किसी में पति का, तो किसी में भाई को अभिभावक बताकर दर्ज किया गया है.
पासपोर्ट की जांच में पता चला है कि शाहीन तीन बार पाकिस्तान जा चुकी है. इसके अलावा वह छह बार अन्य देशों की यात्रा कर चुकी है. सबसे महत्वपूर्ण खुलासा यह है कि वह 2013 में थाईलैंड भी गई थी, जब उसने कानपुर की नौकरी छोड़ दी थी. इन यात्राओं की पूरी जानकारी और मकसद को लेकर एजेंसियां खंगालने में जुटी हैं.
6 दिसंबर को धमाके की योजना
जांच में सामने आया है कि यह मॉड्यूल ‘D-6 मिशन’ पर काम कर रहा था. इस मिशन के तहत 6 दिसंबर को बड़ा धमाका करने की योजना थी, जिसका उद्देश्य 1992 की घटना का बदला लेने का दावा किया गया है. धार्मिक स्थल और RSS कार्यालय इनके मुख्य निशाने बताए गए हैं.
शाहीन, उमर और मुज़म्मिल को हवाला के जरिए 20 लाख रुपये तक फंडिंग मिलने के प्रमाण मिले हैं. मॉड्यूल के सदस्य अपनी निजी कमाई भी इस मिशन में लगा रहे थे, बावजूद इसके वे खुद को हमेशा लो प्रोफाइल में रखते थे. शाहीन के बैंक रिकॉर्ड, डिजिटल फुटप्रिंट्स, कॉल डिटेल्स, ट्रेवल हिस्ट्री और उसकी डायरी से मिले नोट्स ने जांच को और मजबूत किया है.
अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई की तैयारी
फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी, जिसका नाम इस मॉड्यूल से जुड़ रहा है, अब प्रशासन के रडार पर है. अवैध कब्जे और विस्तार के नाम पर जमीन हड़पने के आरोपों की जांच की जा रही है. हाल ही में प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की पैमाइश करवाई है, जिसके बाद बुलडोजर कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है. क्राइम ब्रांच भी जमीन संबंधी दस्तावेजों की जांच कर रही है.