दिल्ली में वायु प्रदूषण फिर चरम पर पहुंच गया है. गुरुवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 358 से ऊपर दर्ज किया गया. सुबह-सुबह घने कोहरे ने शहर को ढक लिया. दिल्ली सरकार ने इस संकट के लिए पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को दोषी ठहराया है. मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पुरानी सरकार की नाकामी ने समस्या को और बढ़ा दिया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवेश वर्मा ने अधूरे कामों की लिस्ट दिखाई. उन्होंने कहा कि AAP ने 11 सालों में कोई काम नहीं किया. इनमें कचरा हटाना, पार्क बनाना, फुटपाथ ठीक करना शामिल हैं. ई-कचरा प्रबंधन, यमुना सफाई, सीवेज ट्रीटमेंट, सड़क सफाई और प्लास्टिक कचरा नियंत्रण भी लिस्ट में थे. वर्मा ने कहा कि अगर AAP ने आधे काम भी किए होते, तो हमें आसानी होती. लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कुछ नहीं किया.
प्रदूषण की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह रातों-रात नहीं बढ़ा, यह सालों की समस्या है. वर्मा ने बताया कि नई सरकार पिछले 9 महीनों से काम कर रही है. 20 फरवरी 2025 से मुख्यमंत्री और मंत्री सड़कों पर हैं. हर कार्यक्रम में सफलता मिली है. उन्होंने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दिल्ली वासियों को धोखा दिया. इसी क्रम में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए गुरुवार से कई तरह की कड़ी रोक लगी है. साथ ही ऑफिसों में हाइब्रिड मोड अनिवार्य किए गए हैं. शहर में कुछ गाड़ियों के प्रवेश पर बैन भी लगाया गया है. इतना ही नहीं बिना वैध PUC सर्टिफिकेट वाली गाड़ियों को पेट्रोल नहीं देने का फरमान जारी किया गया है. आज के एक्यूआई के बारे में बात करें तो सुबह 8 बजे AQI 358 था. इसके अलावा घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी भी कम थी.
प्रदूषण के साथ-साथ बढ़ते कोहरे ने हवाई यातायात बाधित किया. दिल्ली एयरपोर्ट पर 22 उड़ानें रद्द हुईं और 250 से ज्यादा उड़ाने देरी से चलीं. जिसकी वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. मौसम विभाग ने अगले दिनों में भी कोहरा रहने की चेतावनी दी है. यह मामला राजनीतिक हो गया है. सरकार कहती है कि पुरानी लापरवाही का नतीजा है. AAP का कहना है कि केंद्र और नई सरकार जिम्मेदार है. दिल्ली वासी सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं. बाहर निकलते समय मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा है. बच्चे और बुजुर्ग को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. सरकार दावा करती है कि धीरे-धीरे सुधार होगा, लेकिन फिलहाल संकट बना हुआ है.