डॉ. मुज्जमिल ने 6.5 लाख की खरीदी AK-47, कहां से लाया विस्फोटक, NIA ने किए कई खुलासे

दिल्ली कार धमाके मामले में डॉ मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया था. ऐसे में अब NIA ने इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है और वो कहां से एके-47 और विस्फोटक लेकर आया.

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नई दिल्ली: 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इस हमले में 15 लोग मारे गए थे और दर्जनों घायल हुए थे. 

अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनी ने 6.5 लाख रुपये देकर AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में सह-आरोपी आदिल के लॉकर से बरामद हुई.

पाकिस्तान से जुड़े हैंधैंडलर

NIA की जांच से पता चला है कि यह कोई साधारण आतंकी मॉड्यूल नहीं था. यह एक पढ़ा-लिखा और सफेदपोश आतंकवाद का नेटवर्क था, जो कई राज्यों में फैला हुआ था. मुजम्मिल को मनसूर नाम का हैंडलर निर्देश देता था, जबकि उमर को हाशिम. दोनों हैंडलर इब्राहिम नाम के बड़े आतंकी के लिए काम करते थे.

2022 में मुजम्मिल, आदिल और मुजफ्फर तुर्की गए थे. वहां से अफगानिस्तान जाना था लेकिन वहां का संपर्क व्यक्ति मना कर गया. इन सबके पीछे पाकिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान (TTP) का हैंडलर ओकासा था, जिससे ये लोग टेलीग्राम के जरिए बात करते थे.

उमर बनाता था विस्फोटक

धमाके में मारा गया मुख्य आतंकी डॉ. उमर उन नबी ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री देखता था. उसने नूह, भागीरथ पैलेस और फरीदाबाद के NIT मार्केट से विस्फोटक बनाने की सामग्री खरीदी थी. 

उसने एक डीप फ्रीजर भी खरीदा था, जिसमें रसायन छिपाकर रखे गए थे. जांच एजेंसी का कहना है कि इनका प्लान कई जगहों पर एक साथ धमाके करने का था. यूनिवर्सिटी में ही उमर और मुजम्मिल के बीच पैसे को लेकर झगड़ा भी हुआ था. 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिले 2900 किलो विस्फोटक

धमाके से एक दिन पहले फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुए थे. यूनिवर्सिटी के दर्जनों स्टाफ से पूछताछ हुई है लेकिन उनके बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे. कई शिक्षक और डॉक्टर 10 नवंबर की रात से गायब हैं. 

कोर्ट ने दी 10 दिन के रिमांड

गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने डॉ. मुजम्मिल गनी, आदिल राथर, शाहीन शाहिद और मौलवी इरफान अहमद वागे को 10 दिन की NIA कस्टडी में भेज दिया. ये चारों पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस के पास थे. अब NIA जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर जांच कर रही है.

अभी और गिरफ्तारियां बाकी

NIA का कहना है कि यह साजिश बहुत बड़ी थी. अभी कई और लोग इसके दायरे में आएंगे. विदेशी फंडिंग, हैंडलरों के नाम और सीमा पार के संपर्कों की जांच चल रही है. एक आरोपी जासिर बिलाल वानी (दानिश) को भी पकड़ा गया है, जिसे उमर ने आत्मघाती हमलावर बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसने मना कर दिया.