दिल्ली पुलिस से छीना लाइसेंस जारी करने का अधिकार, गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला

गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से एक महत्वपूर्ण अधिकार वापस ले लिया है. अब दिल्ली पुलिस स्विमिंग पूल, होटल, मोटल, ऑडिटोरियम और अन्य समान प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी नहीं कर सकेगी.

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Delhi Government: गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से एक महत्वपूर्ण अधिकार वापस ले लिया है. अब दिल्ली पुलिस स्विमिंग पूल, होटल, मोटल, ऑडिटोरियम और अन्य समान प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी नहीं कर सकेगी.

यह जिम्मेदारी अब दिल्ली सरकार या संबंधित संस्थाओं को सौंपी गई है. यह निर्णय प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है.

गृह मंत्रालय का आदेश

ई व्यवस्था लागूगृह मंत्रालय के इस आदेश के अनुसार, अब दिल्ली पुलिस केवल कानून-व्यवस्था और सुरक्षा संबंधी मामलों तक सीमित रहेगी. लाइसेंसिंग और एनओसी जैसे प्रशासनिक कार्यों को दिल्ली सरकार के संबंधित विभागों या अन्य अधिकृत संस्थाओं द्वारा संचालित किया जाएगा. इस बदलाव का उद्देश्य प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना और लाइसेंसिंग प्रक्रिया में एकरूपता लाना है. 

किन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा यह नियम?

नया नियम उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा, जिन्हें पहले दिल्ली पुलिस से लाइसेंस या एनओसी लेना पड़ता था.

इसमें शामिल हैं:  
होटल और मोटल: आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े व्यवसाय अब दिल्ली सरकार के पर्यटन या संबंधित विभागों से लाइसेंस प्राप्त करेंगे.  

स्विमिंग पूल: सार्वजनिक और निजी स्विमिंग पूल के लिए सुरक्षा और स्वच्छता मानकों का पालन सुनिश्चित करने हेतु नए दिशानिर्देश लागू होंगे.  

ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र: सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए लाइसेंस अब संबंधित प्राधिकरण जारी करेंगे.

दिल्ली सरकार की भूमिका होगी अहम

इस बदलाव के बाद दिल्ली सरकार पर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सुचारू रूप से लागू करने की जिम्मेदारी होगी. सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पारदर्शी, त्वरित और व्यवसायों के लिए सुगम हो. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम न केवल प्रशासनिक बोझ को कम करेगा, बल्कि व्यवसायों को भी तेजी से अनुमति प्राप्त करने में मदद करेगा.

भविष्य की संभावनाएं

यह निर्णय दिल्ली में व्यवसाय और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. दिल्ली पुलिस को अब केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी कार्यकुशलता में सुधार होने की उम्मीद है. साथ ही, दिल्ली सरकार को लाइसेंसिंग प्रक्रिया को डिजिटल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में काम करना होगा.