Gaurav Dewasi's film Gora Badal: राजस्थान के उभरते हुए सितारे गौरव देवासी एक बार फिर अपनी अभिनय प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीतने को तैयार हैं. उनकी आगामी फिल्म 'गोरा बादल' में वे एक नकारात्मक किरदार में नजर आएंगे, जो अपनी अनूठी शैली और गहन अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा.
राजस्थान के पाली जिले के कोठार गांव से ताल्लुक रखने वाले गौरव ने पहले भी आठ राजस्थानी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है. उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस बड़े प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका दिलाई.
'गोरा बादल' की कहानी
जब खिलजी (परेश भट्ट) शिकार के लिए जंगल जाता और रात्रि महफ़िल में वहा पर चालाकी से अलदीन (गौरव देवासी) अपने तीर से खिलजी की छाती को रोंद देता है.जिससे खिलजी बुरी तरह घायल हो जाता है.फिल्म 'गोरा बादल' मलिक मुहम्मद जायसी के महाकाव्य 'पद्मावत' से प्रेरित है.
कहानी में अलाउद्दीन खिलजी (परेश भट्ट) की चालाकी और धोखे को दर्शाया गया है. खिलजी, रावल रतनसिंह को धोखे से बंदी बनाता है और रानी पद्मिनी को अपने पास भेजने की शर्त रखता है. लेकिन रानी पद्मिनी और योद्धा गोरा-बादल एक चतुर रणनीति बनाते हैं.
पालकियों में रानी की जगह गोरा और राजपूत योद्धा छिपकर खिलजी के शिविर में पहुंचते हैं. गोरा रतनसिंह को सुरक्षित चित्तौड़गढ़ पहुंचाने में सफल होता है, लेकिन इस युद्ध में गोरा और बादल वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं. यह कहानी राजपूतों के शौर्य और बलिदान को दर्शाती है.
चित्तौड़गढ़ किले में शूटिंग
फिल्म की शूटिंग राजस्थान के ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ किले और बस्सी में की गई है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है. निर्देशक दिनेश राजपुरोहित और निर्माता खुश्बू सिंह इस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित हैं. करणी सेना का समर्थन इस फिल्म को और मजबूती प्रदान करता है.
गौरव देवासी का सफर प्रेरणादायक है. एक साधारण पृष्ठभूमि से शुरूआत कर उन्होंने कड़ी मेहनत से राजस्थानी सिनेमा में अपनी पहचान बनाई. उनकी यह फिल्म बॉलीवुड की 'पद्मावत' को कड़ी चुनौती दे सकती है.