FBI raids John Bolton's house: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन के आवास पर शुक्रवार सुबह फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने छापा मारा. यह कार्रवाई कथित तौर पर गोपनीय दस्तावेजों की जांच के सिलसिले में की गई, लेकिन इसका समय और संदर्भ इसे ट्रंप प्रशासन की नीतियों की आलोचना से जोड़ता है.
बोल्टन ने हाल ही में भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद यह कार्रवाई चर्चा का विषय बन गई है.
काश पटेल के नेतृत्व में छापेमारी
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, FBI निदेशक काश पटेल के निर्देश पर सुबह करीब 7 बजे मैरीलैंड के बेथेस्डा में स्थित जॉन बोल्टन के घर पर छापेमारी की गई. इस ऑपरेशन की शुरुआत के तुरंत बाद काश पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. FBI एजेंट अपने मिशन पर हैं."
यह बयान इस कार्रवाई के पीछे की गंभीरता को दर्शाता है. Associated Press की रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापा गोपनीय दस्तावेजों से संबंधित जांच का हिस्सा है.
भारत पर टैरिफ और ट्रंप की नीति
जॉन बोल्टन, जो अप्रैल 2018 से सितंबर 2019 तक ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे, ने हाल ही में भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना की थी. उन्होंने X पर एक पोस्ट में कहा, "ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ लगाया, लेकिन चीन पर नहीं. ट्रंप प्रशासन की यह नीति एक अनजानी भूल साबित हो सकती है."
बोल्टन ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में भी इस मुद्दे पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है. भारत पर भारी टैरिफ लगाने से दोनों देशों के दशकों पुराने रणनीतिक रिश्ते कमजोर हो सकते हैं."
भारत-अमेरिका संबंधों पर खतरा
बोल्टन ने चेतावनी दी कि भारत पर 50% तक बढ़ाए गए टैरिफ से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि यह भारत को रूस और चीन की ओर धकेल सकता है. उन्होंने कहा, "अमेरिका को भारत के साथ रिश्तों को संभालने की जरूरत है.
हमें यह सोचना चाहिए कि इन संबंधों को जल्द से जल्द कैसे सुधारा जाए." बोल्टन ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने रूसी तेल को रिफाइन कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने में किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया है. उन्होंने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर खुली चर्चा होनी चाहिए, न कि दंडात्मक कार्रवाई.
क्या है भविष्य की आशंकाएं
FBI की इस छापेमारी ने अमेरिकी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है. विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्रवाई केवल दस्तावेजों की जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक उद्देश्य भी हो सकते हैं.
बोल्टन की आलोचनाओं को ट्रंप प्रशासन के लिए चुनौती माना जा रहा है, खासकर तब जब भारत-अमेरिका संबंध पहले से ही तनाव के दौर से गुजर रहे हैं. यह घटना आने वाले दिनों में अमेरिकी राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में और हलचल पैदा कर सकती है.