अब बांग्लादेशी नहीं सुन पाएंगे शेख हसीना की आवाज! यूनुस सरकार ने लगाया प्रतिबंध

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों के प्रसारण पर सख्त पाबंदी लगा दी है. अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने मीडिया संगठनों को कड़ी चेतावनी दी है कि हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित करने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई होगी.

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Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों के प्रसारण पर सख्त पाबंदी लगा दी है. अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने मीडिया संगठनों को कड़ी चेतावनी दी है कि हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित करने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई होगी. यह निर्णय देश में लोकतांत्रिक स्थिरता बनाए रखने और भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए लिया गया है.

शेख हसीना के बयानों पर क्यों लगी रोक?

अंतरिम सरकार के प्रेस शाखा के बयान के अनुसार, गुरुवार को कुछ मीडिया संस्थानों ने अदालत के आदेशों की अवहेलना करते हुए शेख हसीना के भाषण को प्रसारित किया. सरकार का कहना है कि इन भाषणों में भड़काऊ और भ्रामक दावे शामिल थे, जो जनता को गुमराह कर सकते हैं.

अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी ठहराया है, और उनके खिलाफ मुकदमा अभी भी चल रहा है. इसके अलावा, उनकी पार्टी अवामी लीग पर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है.

आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कार्रवाई का प्रावधान

सरकार ने स्पष्ट किया कि 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत किसी भी प्रतिबंधित संगठन या उसके नेताओं के बयानों को प्रसारित करना गैरकानूनी है. शेख हसीना को अंतरिम सरकार ने फरार अपराधी घोषित किया है, और उनके ऑडियो या वीडियो प्रसारण को कानून का गंभीर उल्लंघन माना जाएगा. सरकार ने पिछले साल दिसंबर में पूर्व यूगोस्लाविया के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि नफरत फैलाने वाले बयानों पर रोक जरूरी है.

लोकतांत्रिक स्थिरता को खतरा

अंतरिम सरकार का मानना है कि शेख हसीना के बयान न केवल जनता को भटकाते हैं, बल्कि बांग्लादेश के लोकतांत्रिक परिवर्तन और शांति के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. सरकार ने मीडिया से जिम्मेदारीपूर्ण रवैया अपनाने की अपील की है और चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों के खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाए जाएंगे.

मीडिया की जिम्मेदारी

यूनुस सरकार ने मीडिया संगठनों से अपील की है कि वे देश की शांति और स्थिरता को बनाए रखने में सहयोग करें. शेख हसीना के बयानों को प्रसारित करने से बचने के लिए सभी मीडिया संस्थानों को निर्देश दिए गए हैं, ताकि देश में तनाव और अस्थिरता को रोका जा सके.