भगवंत मान सरकार ने मुफ्त पैड वितरण में लगाए 54 करोड़, बेटियों के स्वास्थ्य और सम्मान को प्राथमिकता देने का संकल्प

पंजाब सरकार की ‘नवी दिशा’ योजना ने देश में पहली बार उच्च-गुणवत्ता वाले मुफ्त बायोडिग्रेडेबल पैड वितरण की पारदर्शी प्रणाली लागू की है. 54 करोड़ रुपए निवेश के साथ यह पहल महिलाओं के सम्मान और स्वास्थ्य को नई दिशा दे रही है.

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Courtesy: aap

पंजाब में महिलाओं की सेहत और सम्मान को लेकर किए गए सबसे बड़े सुधारों में से एक अब देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ‘नवी दिशा’ योजना ने न सिर्फ पुरानी कागजी योजनाओं का अंत किया, बल्कि पहली बार महिलाओं को उच्च-गुणवत्ता, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए हैं. डिजिटल मॉनिटरिंग, समयबद्ध डिलीवरी और 100% बायोडिग्रेडेबल नैपकिन के साथ यह पहल महिलाओं के जीवन में एक ठोस बदलाव ला रही है.

 पुरानी कागजी योजनाओं का अंत, सम्मान की नई शुरुआत

कांग्रेस शासन की ‘उड़ान’ योजना पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद महिलाओं तक घटिया और असुरक्षित पैड पहुँचते थे. बजट कागज़ों में अधिक और ज़मीन पर कम दिखता था. मान सरकार ने इस अनदेखी को तुरंत समाप्त कर ‘नवी दिशा’ योजना की नींव रखी. यह सिर्फ पैड वितरण नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान की बहाली का संकल्प है, जिसने पंजाब को महिलाओं के स्वास्थ्य की दृष्टि से अग्रणी राज्य बना दिया है.

 53 करोड़ का निवेश और 100% बायोडिग्रेडेबल सुरक्षा

मान सरकार ने ‘नवी दिशा’ योजना में ₹53 करोड़ से अधिक का निवेश कर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि महिलाओं की सेहत सिर्फ खर्च नहीं—एक आवश्यक निवेश है. अब महिलाओं को मुलायम, उच्च-गुणवत्ता और पूर्णतः बायोडिग्रेडेबल पैड उपलब्ध हो रहे हैं. 13.65 लाख लाभार्थियों को हर महीने 9 पैड की गारंटीशुदा डिलीवरी की जाती है. यह बदलाव न सिर्फ स्वास्थ्य मानकों को ऊपर उठाता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा कदम है.

 डिजिटल मॉनिटरिंग से वितरण में 100% पारदर्शिता

योजना का सबसे मजबूत हिस्सा है—मोबाइल ऐप और डैशबोर्ड आधारित रियल-टाइम मॉनिटरिंग. इससे अनियमितता, स्टॉक-आउट और भ्रष्टाचार की गुंजाइश लगभग समाप्त हो चुकी है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पैड वितरित करती हैं, और प्रत्येक यूनिट की ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज होती है. यह मॉडल दिखाता है कि तकनीक और नीयत, दोनों साथ हों तो सरकारी योजनाएँ न सिर्फ चलती हैं बल्कि असर भी दिखाती हैं.

बड़े राज्यों से आगे निकला पंजाब का मजबूत नेटवर्क

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में जहाँ लगातार स्टॉक-आउट, कमजोर वितरण और कम स्वच्छता दर जैसी समस्याएँ देखने को मिलती हैं, वहीं पंजाब ने अपने 27,313 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से एक स्थायी और भरोसेमंद प्रणाली बनाई है. नियमित मासिक आपूर्ति, गुणवत्ता जाँच और डिजिटल सत्यापन ने पंजाब को राष्ट्रीय स्तर पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित कर दिया है.

 महिलाओं के जीवन में आया वास्तविक बदलाव

गुरप्रीत कौर जैसी लाखों महिलाएं बताती हैं कि पहले इन दिनों में काम पर जाना कठिन होता था—न शर्म कम होती थी, न संसाधन. आज आंगनवाड़ी दीदी हर महीने पैड लेकर आती हैं, और महिलाओं का आत्मविश्वास लौट आया है. ‘नवी दिशा’ अब सिर्फ स्वास्थ्य योजना नहीं, बल्कि सुशासन, पारदर्शिता और महिला सम्मान का प्रतीक बन चुकी है. पंजाब की बेटियाँ गर्व से कह रही हैं कि उन्हें सुविधा ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान भी मिला है.