Delhi CM attack: दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है. इस घटना के बाद जहां बीजेपी इसे विपक्ष की साजिश बता रही है, वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं. इस बीच, हमलावर राजेश खिमजी सकरिया की मां भानु बेन ने अपने बेटे के बारे में कई अहम खुलासे किए हैं.
मां का बड़ा दावा
राजकोट में रहने वाली भानु बेन ने बताया कि उनका बेटा राजेश एक कट्टर पशु प्रेमी है, खासकर कुत्तों से उसे गहरा लगाव है. दिल्ली में सड़क पर रहने वाले कुत्तों को हटाने के मुद्दे से वह पिछले कुछ समय से परेशान था.
भानु बेन के अनुसार, राजेश का इरादा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से इस मुद्दे पर चर्चा करना था. वह चाहता था कि सड़क के कुत्तों के साथ दुर्व्यवहार न हो और उनकी देखभाल की जाए. भानु बेन ने कहा, "मेरा बेटा हमेशा कहता था कि कुत्तों को रोटी खिलानी चाहिए, उन पर अत्याचार नहीं करना चाहिए."
क्या थी सच्चाई?
पुलिस के अनुसार, हमलावर राजेश खिमजी सकरिया शिकायतकर्ताओं की कतार में शामिल था. वह अचानक लाइन तोड़कर आगे बढ़ा और मुख्यमंत्री को धक्का दे दिया, जिससे वह जमीन पर गिर गईं. हमलावर ने उन्हें पकड़कर रखा, जिसके चलते मुख्यमंत्री के सिर और कंधे पर हल्की चोटें आईं. मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने उनकी स्थिति स्थिर बताई.
खाली हाथ था हमलावर
मंत्रि कपिल मिश्रा ने दावा किया कि राजेश खिमजी के पास कोई अर्जी या कागजात नहीं थे. लेकिन वह खाली हाथ था." इससे पहले, यह खबर भी सामने आई थी कि राजेश का कोई रिश्तेदार जेल में बंद है और वह उसकी रिहाई के लिए मदद मांगने आया था.
हमलावर ने की थी रेकी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि राजेश ने हमले से पहले मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले और निजी आवास की रेकी की थी. वह दो दिन से दिल्ली में था और एक रात सिविल लाइंस इलाके में बिताई. उसने जनसुनवाई की प्रक्रिया को समझने के लिए पूरी वीडियो भी देखी थी.
इस घटना ने दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं. हर महीने की पहली और तीसरी बुधवार को होने वाली जनसुनवाई में शिकायतकर्ताओं की तलाशी और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होती है. इसके बावजूद हमलावर की गतिविधियों ने सुरक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया है.