Uttarakhand fever: उत्तराखंड में इन दिनों एक रहस्यमयी बुखार ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. राज्य के दो जिलों अल्मोड़ा और हरिद्वार में पिछले 15 दिनों के भीतर 10 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने हालात की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए हैं और प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है.
अल्मोड़ा जिले का धौलादेवी ब्लॉक बना हॉटस्पॉट
सबसे ज्यादा प्रभाव अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लॉक में देखा जा रहा है, जहां सात लोगों की मौत दर्ज की गई है. मृतकों में बिबड़ी गांव के 70 वर्षीय गंगा दत्त जोशी, मदन राम, आशा कार्यकर्ता हंसी भट्ट, पंडित शैलेंद्र पांडे और गोविंद सिंह खानी शामिल हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, मरीजों को तेज बुखार के साथ प्लेटलेट्स तेजी से गिरने की शिकायत हो रही है, जो डेंगू जैसे लक्षणों की ओर इशारा करती है.
खराब सड़कों से बढ़ी मुश्किलें
ग्रामीणों ने बताया कि इलाके की सड़कों की स्थिति बेहद खराब है. बिबड़ी गांव को धौलादेवी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जोड़ने वाली सड़क पिछले एक महीने से बंद है, जिसके चलते मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भारी दिक्कतें आ रही हैं. यही कारण है कि कई मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा और मौतें हो रही हैं. गांवों में भय और अफवाहों का माहौल है.
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अल्मोड़ा और हरिद्वार दोनों जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं.
अल्मोड़ा में एक विशेष स्वास्थ्य जांच टीम धौलादेवी ब्लॉक भेजी गई है, जो मरीजों का उपचार कर रही है और उनके रक्त व जल नमूने एकत्र कर लैब जांच करवा रही है. वहीं, हरिद्वार के रुड़की क्षेत्र में हुई तीन मौतों की जांच स्थानीय CMO को सौंपी गई है.
घर-घर जाकर स्क्रीनिंग अभियान शुरू
बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया है. अब तक सैकड़ों लोगों की जांच की जा चुकी है. साथ ही, गांवों के जल स्रोतों से भी सैंपल लेकर परीक्षण किए जा रहे हैं ताकि संक्रमण के संभावित कारणों का पता लगाया जा सके.
साफ-सफाई और जागरूकता पर जोर
फिलहाल इस रहस्यमयी बुखार का सटीक कारण सामने नहीं आया है. विशेषज्ञ इसे वायरल या डेंगू जैसे संक्रमण से जुड़ा मान रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों में सफाई और मच्छर नियंत्रण अभियान शुरू किए हैं और लोगों से अपील की है कि वे बिना जांच के घरेलू इलाज न करें.
राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि बीमारी के स्रोत की पहचान और रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट का इंतजार है.