BSF को मिली पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर, भावना चौधरी ने रचा इतिहास

BSF Air Wing: देश की सीमाओं की सुरक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक और नया इतिहास रच दिया है. BSF की एयर विंग को अपने 50 से अधिक वर्षों के सफर में पहली बार एक महिला फ्लाइट इंजीनियर मिली है.

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Courtesy: X/ @BSF_India

BSF gets its first female flight engineer: देश की सीमाओं की सुरक्षा में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाने वाले सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक और नया इतिहास रच दिया है. BSF की एयर विंग को अपने 50 से अधिक वर्षों के सफर में पहली बार एक महिला फ्लाइट इंजीनियर मिली है. यह उपलब्धि हासिल की है इंस्पेक्टर भावना चौधरी ने, जिन्होंने न केवल BSF बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है.

हाल ही में आयोजित एक समारोह में BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने इंस्पेक्टर भावना चौधरी सहित चार अन्य पुरुष अधिकारियों को फ्लाइंग बैज प्रदान किए. इस सम्मान के साथ ही भावना चौधरी का नाम BSF के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया. यह पल न केवल BSF के लिए बल्कि देश की सभी महिला अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है.

कठिन प्रशिक्षण से मिली नई पहचान

भावना चौधरी और उनके साथियों ने यह उपलब्धि दो महीने के कठिन और सघन प्रशिक्षण के बाद हासिल की. अगस्त 2025 में शुरू हुए इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें लगभग 130 घंटे की उड़ान और तकनीकी अनुभव प्रदान किया गया. प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान दिया गया बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में भी कार्य करने का अवसर मिला.

विशेष रूप से पंजाब और अन्य राज्यों में आई बाढ़ के समय, BSF एयर विंग के हेलीकॉप्टर मिशनों में शामिल होकर उन्होंने राहत और बचाव कार्यों का व्यावहारिक अनुभव हासिल किया. इन अभियानों ने भावना और उनके साथियों को यह समझने में मदद की कि एक फ्लाइट इंजीनियर के रूप में ज़मीनी चुनौतियों का सामना कैसे किया जाता है.

आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

BSF एयर विंग में एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के लिए फ्लाइट इंजीनियरों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी. पहले बैच के कुछ अधिकारियों को भारतीय वायुसेना द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, लेकिन बाद में प्रशिक्षण स्लॉट की कमी के कारण दूसरा बैच वायुसेना में शामिल नहीं हो सका.

इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए BSF ने गृह मंत्रालय की अनुमति से अपना आंतरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया. इसी पहल के तहत भावना चौधरी और उनके चार साथियों को प्रशिक्षित कर अब उन्हें पूरी तरह सक्षम फ्लाइट इंजीनियर बनाया गया है. यह कदम BSF की आत्मनिर्भरता और संगठनात्मक क्षमता को एक नई दिशा देता है.

1969 से सेवा में BSF एयर विंग

BSF की एयर विंग वर्ष 1969 से गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है. इस विंग ने देश के हर कठिन भूभाग राजस्थान के रेगिस्तानों से लेकर कश्मीर की बर्फीली घाटियों और पूर्वोत्तर के घने जंगलों तक अपनी सेवाएं दी हैं. BSF एयर विंग सीमावर्ती इलाकों में निगरानी, आपदा राहत, मेडिकल इवैक्यूएशन और मानवीय सहायता जैसे मिशनों में भी अहम भूमिका निभाती है.

इंस्पेक्टर भावना चौधरी की उपलब्धि यह साबित करती है कि महिला अधिकारी भी हर क्षेत्र में पुरुषों के समान कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर सकती हैं. यह सफलता न केवल BSF के लिए, बल्कि पूरे देश की बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है.