Gaza Peace Deal: गाजा पट्टी में जारी संघर्ष के बीच शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम सामने आया है. गाजा पीस डील के तहत आतंकी संगठन हमास ने 20 में से 7 बंधकों को रिहा कर दिया है. बाकी 13 बंधकों को भी जल्द ही छोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इजरायल रक्षा बल (IDF) और इजरायल सुरक्षा एजेंसी (ISA) ने पुष्टि की है कि इन सातों बंधकों को रेड क्रॉस के माध्यम से गाजा से इजरायल भेजा जा रहा है.
28 अन्य बंधकों की वापसी की जाएगी
सूत्रों के अनुसार, सभी सात बंधक अब गाजा से इजरायल की ओर जा रहे हैं, जहां उनकी प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच की जाएगी. सैन्य अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि शेष 13 जीवित बंधकों की रिहाई भी जल्द हो सकती है. इसके बाद 28 अन्य बंधकों की वापसी की जाएगी, जिनमें 26 की मौत हो चुकी है, जबकि 2 की स्थिति अभी अज्ञात बताई जा रही है.
शांति समझौते के तहत इजरायल लगभग 2,000 फिलिस्तीनी बंदियों को भी रिहा करेगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि 1,966 बंदियों को जेलों से बसों में बैठाकर गाजा के नासिर अस्पताल भेजा जाएगा, जहां से उन्हें आगे छोड़ा जाएगा.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रवक्ता ने कहा है कि इजरायल अपने वादे पर कायम रहेगा, लेकिन फिलिस्तीनी बंदियों को तभी रिहा किया जाएगा जब सभी इजरायली बंधक सुरक्षित घर लौट आएंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि मृत बंधकों के शव सोमवार को वापस नहीं मिल पाएंगे और इसमें कुछ समय लग सकता है.
After 738 days in captivity in Gaza, Matan, Gali, Ziv, Alon, Eitan, Omri and Guy are coming home. 🇮🇱 pic.twitter.com/gklAwKhG1u
— Israel Defense Forces (@IDF) October 13, 2025
इस बीच इजरायल विदेश मंत्रालय ने भी हमास द्वारा रिहा किए गए सातों बंधकों की पहचान की पुष्टि की है. मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर भावनात्मक संदेश साझा करते हुए लिखा, “हम इसे कहने के लिए 738 दिन से इंतजार कर रहे थे. घर में स्वागत है.”
रिहा किए गए सात बंधकों के नाम इस प्रकार हैं:
गाय गिलबोआ दलाल, एइटन मोर, मतान एंगरेस्ट, एलोन ओहेल, गली बर्मन, जिव बर्मन और ओमरी मिरान. इन सभी को अब गाजा से इजरायल ले जाया जा रहा है, जहां डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनका चिकित्सा परीक्षण करेगी और मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान करेगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिहाई गाजा पीस डील के तहत एक महत्वपूर्ण मानवीय और कूटनीतिक कदम है, जो इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में शांति बहाली की दिशा में नई उम्मीद जगा सकता है. हालांकि, भविष्य की स्थिरता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्ष समझौते की शर्तों का कितना पालन करते हैं.