पंजाब सरकार ने निभाया वादा, संगरूर जिले के बाढ़ पीड़ितों को दी 3.50 करोड़ की राहत राशि

Punjab Government: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने दीवाली से पहले बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने का वादा निभाते हुए मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

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Punjab Government: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने दीवाली से पहले बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने का वादा निभाते हुए मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. राज्य के लिए कुल 209 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की गई है, जिसमें से संगरूर जिले को 3.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पंजाब के वित्त और योजना मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को धूरी निर्वाचन क्षेत्र से राहत राशि वितरण की शुरुआत की.

इस मौके पर वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल पर आज पूरे राज्य में 13 कैबिनेट मंत्री “मिशन पुनर्वास” के तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर मुआवजा वितरण कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस मिशन की शुरुआत मुख्यमंत्री ने अजनाला से की थी, जहां उन्होंने 631 किसानों को 5.70 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए. चीमा ने कहा कि यह देश का पहला मौका है जब किसानों को फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये की दर से मुआवजा दिया जा रहा है.

चीमा ने कहा कि इस बार राज्य सरकार ने मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है ताकि कोई भी पीड़ित परिवार राहत से वंचित न रहे. उन्होंने बताया कि पहली बार क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा राशि 4,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी गई है. वहीं, फसल के नुकसान का आकलन पूरी सटीकता से कर किसानों को उनके हक की राशि दी जा रही है.

भारी जलस्तर के बावजूद हालात नियंत्रण

वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार हर सुख-दुख में जनता के साथ खड़ी है, और प्राकृतिक आपदाओं के समय राज्य ने एकजुट होकर उदाहरण प्रस्तुत किया है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब और पंजाबियों के साथ हमेशा भेदभाव किया जाता रहा है. उन्होंने केंद्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 1,600 करोड़ रुपये की सहायता राशि जल्द जारी करने की मांग की. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र द्वारा हाल ही में जारी किए गए 240 करोड़ रुपये केवल वार्षिक किश्त का हिस्सा हैं, न कि विशेष सहायता राशि.

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बाढ़ के दौरान राज्य सरकार ने लोगों के सहयोग से युद्धस्तर पर राहत कार्य किए. अगर ये प्रयास समय पर न किए जाते, तो नुकसान कई गुना अधिक होता. उन्होंने कहा कि संगरूर प्रशासन ने उत्कृष्ट कार्य किया, जिसके कारण भारी जलस्तर के बावजूद हालात नियंत्रण में रहे. आमतौर पर घग्गर नदी में 747 फीट पानी होने पर तटबंध टूट जाता था, लेकिन इस बार 755 फीट जलस्तर तक पहुंचने पर भी कोई तटबंध नहीं टूटा.

“मिशन पुनर्वास” का मकसद साफ 

इस अवसर पर संगरूर के डिप्टी कमिश्नर राहुल चाबा ने जिला प्रशासन की तैयारियों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अग्रिम इंतज़ाम किए गए थे. भारी वर्षा के बावजूद घग्गर नदी के 41 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में किसी भी तटबंध को टूटने नहीं दिया गया.

कार्यक्रम में पंजाब राज्य खाद्य आयोग के सदस्य जसवीर सिंह सेखों, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमित बैंबी, एसडीएम ऋषभ बंसल, धूरी मार्केट कमेटी के चेयरमैन राजवंत सिंह घुली, अनवर भसौर, सोनी मंदर समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.

चीमा ने कहा कि “मिशन पुनर्वास” का मकसद सिर्फ मुआवजा देना नहीं बल्कि प्रभावित परिवारों को फिर से खड़ा करना है. उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार के समर्पित प्रयासों से बाढ़ पीड़ित जल्द ही सामान्य जीवन में लौट आएंगे.