अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को खुलासा किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें फोन पर बताया कि यूक्रेन ने उनके एक आधिकारिक आवास पर ड्रोन हमला करने की कोशिश की. इस दावे को यूक्रेन ने पूरी तरह खारिज कर दिया है और इसे शांति वार्ताओं को पटरी से उतारने की साजिश बताया. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब ट्रंप यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहे हैं.
ट्रंप ने फ्लोरिडा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुतिन के साथ उनकी बातचीत बहुत अच्छी रही, लेकिन इस कथित हमले की जानकारी से वे नाराज हैं. यह मामला शांति प्रक्रिया के लिए नया झटका साबित हो सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार सुबह पुतिन के साथ फोन पर बात की. ट्रंप ने बताया कि पुतिन ने उन्हें सूचित किया कि यूक्रेन ने उनके आवास को निशाना बनाया. ट्रंप ने इसे अच्छा नहीं करार देते हुए कहा कि यह एक नाजुक समय है. आक्रामक होना एक बात है, लेकिन किसी के घर पर हमला करना अलग बात है. यह सही समय नहीं है. ट्रंप ने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि वे इस पर बहुत नाराज हैं. हालांकि, जब सबूतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम पता लगा लेंगे.
ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि हो सकता है हमला हुआ ही न हो, लेकिन पुतिन ने उन्हें बताया कि हुआ है. क्रेमलिन के अनुसार, ट्रंप इस खबर से स्तब्ध और क्रोधित हुए. यह बातचीत रविवार को ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की मुलाकात के एक दिन बाद हुई, जहां युद्ध समाप्ति पर प्रगति की चर्चा हुई थी.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दावा किया कि 28-29 दिसंबर की रात यूक्रेन ने मॉस्को के पश्चिम में नोवगोरोड क्षेत्र स्थित पुतिन के वाल्डाई आवास पर 91 लंबी दूरी के ड्रोन से हमला करने की कोशिश की. लावरोव के मुताबिक, सभी ड्रोन रूसी वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराए और कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ. लावरोव ने इसे राज्य आतंकवाद करार दिया और कहा कि ऐसी लापरवाही का जवाब जरूर दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी कि रूस ने जवाबी हमलों के लिए लक्ष्य चुन लिए हैं.
क्रेमलिन ने कहा कि इस घटना के बाद रूस शांति वार्ताओं में अपनी स्थिति की समीक्षा करेगा, हालांकि बातचीत से बाहर नहीं निकलेगा. यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूसी दावे को पूरी तरह मनगढ़ंत और झूठ बताया. उन्होंने कहा कि यह आरोप शांति प्रयासों को कमजोर करने और यूक्रेन पर आगे हमलों का बहाना बनाने के लिए हैं.