बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वे 80 वर्ष की थीं. ढाका के एवरकेयर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने सुबह करीब 6 बजे अंतिम सांस ली. यह समय फज्र की नमाज के ठीक बाद का था.
बीएनपी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की जाए. पार्टी ने सभी समर्थकों से अपील की है कि वे दिवंगत नेता की रूह के लिए प्रार्थना करें. खालिदा जिया की मृत्यु की खबर से पूरे बांग्लादेश में शोक की लहर दौड़ गई है.
खालिदा जिया पिछले काफी समय से विभिन्न बीमारियों से जूझ रही थीं. उनके निजी चिकित्सक ने कुछ दिन पहले ही उनकी स्थिति को "अत्यंत गंभीर" बताया था. वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं और लिवर, किडनी, हृदय तथा फेफड़ों से जुड़ी जटिल समस्याओं का सामना कर रही थीं. अस्पताल में उनके बेटे तारिक रहमान, जो बीएनपी के कार्यवाहक चेयरपर्सन भी हैं, लगातार उनके पास मौजूद रहे. तारिक रहमान हाल ही में 17 वर्ष के निर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे थे और उन्होंने अपनी मां के साथ काफी समय बिताया. परिवार के अन्य सदस्यों ने भी अस्पताल में उनकी देखभाल की. खालिदा जिया की हालत इतनी नाजुक थी कि विदेश में बेहतर इलाज की संभावना भी डॉक्टरों ने खारिज कर दी थी.
खालिदा जिया बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शुमार थीं. 15 अगस्त 1945 को भारत के पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जन्मीं खालिदा ने देश की पहली निर्वाचित महिला प्रधानमंत्री के रूप में इतिहास रचा. वे 1991 से 1996 और फिर 2001 से 2006 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं. वे दिवंगत राष्ट्रपति जिया-उर-रहमान की पत्नी थीं, जिनकी हत्या के बाद खालिदा ने राजनीति में प्रवेश किया और बीएनपी को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया. उनके दो बेटे थे बड़े बेटे तारिक रहमान पार्टी की कमान संभाल रहे हैं, जबकि छोटे बेटे अराफात रहमान का 2015 में हृदयाघात से निधन हो गया था.