बांग्लादेश में राजनीतिक बवाल जारी है. इंकलाब मंच नामक संगठन ने अपने दिवंगत नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के खिलाफ न्याय की मांग को लेकर पूरे देश के प्रमुख शहरों में पूर्ण नाकाबंदी का ऐलान कर दिया है.
यह कदम विरोध प्रदर्शनों को नई ऊंचाई देने वाला साबित हो सकता है, जो अब राजधानी ढाका से निकलकर अन्य इलाकों में फैल चुका है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह आंदोलन सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ जनता की बढ़ती नाराजगी को दर्शाता है.
मौत के जिम्मेदारों को सजा देने की मांग
इंकलाब मंच ने रविवार को सुबह 11 बजे से सभी डिविजनल शहरों में सड़कों को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है. संगठन ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की, साथ ही ढाका के शाहबाग चौराहे पर चल रहे धरने के दौरान इसकी औपचारिक घोषणा की गई. शुक्रवार से शुरू हुए इस धरने में हजारों लोग शामिल हैं, जो हादी की मौत के जिम्मेदारों को सजा देने की मांग कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि नाकाबंदी का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है, ताकि जांच में तेजी आए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाए.
प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को ढाका के अलावा सिलहट, चट्टोग्राम और कुश्तिया जैसे शहरों में सड़कें जाम कर दीं. ढाका में शाहबाग पर कब्जा करने वाले कार्यकर्ताओं ने कुछ देर के लिए अजीज सुपरमार्केट के पास रास्ता खोला, ताकि बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान हादी की कब्र पर जा सकें. लेकिन दोपहर तक वे वापस लौट आए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया. विरोध में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग शामिल हो रहे हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी हैं. शाहबाग पर कविताओं का पाठ, कुरान की आयतों का जाप और न्याय के नारे गूंज रहे हैं, जो आंदोलन की व्यापकता को दिखाते हैं.
शरीफ उस्मान हादी जुलाई के जन विद्रोह के प्रमुख चेहरे थे. उन्होंने अगस्त में इंकलाब मंच की स्थापना की और ढाका-8 से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. 12 दिसंबर को शुक्रवार की नमाज के बाद ओल्ड पल्टन में रिक्शा से जाते समय उन पर गोलीबारी हुई, जिसके बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उन्हें ढाका विश्वविद्यालय की केंद्रीय मस्जिद के पास राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के निकट दफनाया गया. इंकलाब मंच ने साफ कहा है कि जब तक हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे सड़कों से नहीं हटेंगे.