पंजाब बाढ़ संकट: वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से मांगी 60,000 करोड़ की सहायता

चीमा ने कहा, "मुख्यमंत्री, वरिष्ठ पार्टी नेता, कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं."

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Courtesy: Punjab flood crisis Finance Minister Harpal Singh Cheema seeks Rs 60,000 crore aid from Centre

Punjab Flood Crisis:  पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ को पिछले पांच दशकों की सबसे भयावह आपदा करार देते हुए, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र सरकार से तत्काल सहायता और जवाबदेही की मांग की है. चंडीगढ़ में 6 सितंबर को पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीमा ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा ने 2,000 गांवों को प्रभावित किया, 4 लाख से अधिक नागरिकों को विस्थापित किया, और 14 जिलों में 43 लोगों की जान ले ली. चीमा ने कहा, "मुख्यमंत्री, वरिष्ठ पार्टी नेता, कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से नागरिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं."

कृषि और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान

बाढ़ ने पंजाब की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात पहुंचाया है. 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो चुकी है, जो राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है. इसके अलावा, घरों, पशुधन और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी व्यापक क्षति हुई है. घग्गर नदी का जलस्तर 750 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया. चीमा ने जोर देकर कहा, "पंजाब सरकार ने इस अप्रत्याशित बाढ़ संकट का तुरंत और सहानुभूति के साथ जवाब दिया है."

राहत कार्यों में पंजाब सरकार की सक्रियता

पंजाब सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 22,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और 200 राहत शिविर स्थापित किए, जहां 7,000 से अधिक लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है. एनडीआरएफ की 24 टीमें और एसडीआरएफ की 2 टीमें, 144 नावों और एक सरकारी हेलीकॉप्टर के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं. राजस्व विभाग ने 71 करोड़ रुपये राहत के लिए जारी किए हैं. चीमा ने बताया, "एकजुटता दिखाते हुए पूरी कैबिनेट और सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक महीने का वेतन दिया है." आबकारी और कराधान विभाग ने भी 50 लाख रुपये का योगदान दिया.

केंद्र सरकार पर निशाना

चीमा ने केंद्र सरकार की उदासीनता की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपये के बकाए, जिसमें जीएसटी मुआवजा और अन्य फंड शामिल हैं, को तुरंत जारी करने की मांग की थी. चीमा ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने 25 दिनों बाद भी इस पत्र का जवाब नहीं दिया." उन्होंने केंद्र की तुलना तालिबान-शासित अफगानिस्तान को दी गई सहायता से करते हुए सवाल उठाया कि पंजाब के प्रति ऐसी संवेदनशीलता क्यों नहीं दिखाई जा रही.