Kartavya Bhavan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली में कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया. यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है. इस परियोजना का लक्ष्य मंत्रालयों और विभागों को एक ही छत के नीचे लाना है साथ ही ब्रिटिश काल से चले आ रहे प्रथाओं को हटाकर नए भारत की झलक पूरे दुनिया को दिखाना .
मोदी सरकार का द्वावा है कि इससे कार्यकुशलता भी बढ़ेगी. कर्तव्य भवन-3 में कई मंत्रालय के कार्यालय रहने वाले हैं. जिसमें गृह, विदेश, ग्रामीण विकास, एमएसएमई, कार्मिक और प्रशिक्षण, पेट्रोलियम और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी शामिल है.
सरकार के अधिकारियों से मिल जानकारी के मुताबिक कई मंत्रालय अभी भी शास्त्री भवन, कृषि भवन और उद्योग भवन जैसी पुरानी इमारतों से काम करते रहेंगे. अब ये संरचनात्मक रूप से पुरानी और कमजोर हो चुकी हैं. सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत दस नए साझा केंद्रीय सचिवालय भवनों का निर्माण होगा. इनमें से भवन संख्या 2 और 3 अगले महीने तक तैयार होने की संभावना जताई गई है. भवन 10 का निर्माण अप्रैल 2026 तक पूरा हो जाएगा. वहीं भवन 6 और 7 अगले साल के अंत तक बनकर तैयार होंगे.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि निर्माण के दौरान कुछ मंत्रालयों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया जाएगा. इन कार्यालयों को दो साल के लिए स्थानतरित किया जाएगा. कुछ इमारतें जैसे राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू भवन और डॉ. अंबेडकर सभागार को यथावत रखा जाएगा. वाणिज्य भवन भी बरकरार रहेगा.
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नया संसद भवन और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव पहले ही बन चुके हैं. विजय चौक से इंडिया गेट तक कर्तव्य पथ का पुनर्विकास भी पूरा हो चुका है. यह परियोजना दिल्ली के प्रशासनिक क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में अहम कदम है. साझा केंद्रीय सचिवालय के अलावा, सरकार एक एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव बनाएगी. इसमें नया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय का निर्माण किया जाएगा. दूसरे चरण में एक नया प्रधानमंत्री आवास भी बनेगा. यह परियोजना प्रशासनिक कार्यों को और सुचारू करेगी.