अवैध सट्टेबाजी मामले में युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को ईडी का समन, जानें क्या है पूरा बवाल

ईडी ने रॉबिन उथप्पा को 22 सितंबर और युवराज सिंह को 23 सितंबर को अपने मुख्यालय में बुलाया है. दोनों से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए जाएंगे. इससे पहले रैना से 13 अगस्त और धवन से 4 सितंबर को पूछताछ हो चुकी है.

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Courtesy: Social Media

ED summons Yuvraj Singh and Robin Uthappa: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में तेजी लाते हुए दो और पूर्व भारतीय क्रिकेटरों, युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा को समन जारी किया है. यह कार्रवाई उन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ है, जो छद्म विज्ञापनों के जरिए धन जुटाते हैं. इससे पहले सुरेश रैना और शिखर धवन से भी पूछताछ हो चुकी है.  

ईडी ने रॉबिन उथप्पा को 22 सितंबर और युवराज सिंह को 23 सितंबर को अपने मुख्यालय में बुलाया है. दोनों से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बयान दर्ज किए जाएंगे. इससे पहले रैना से 13 अगस्त और धवन से 4 सितंबर को पूछताछ हो चुकी है. ईडी इन क्रिकेटरों के सट्टेबाजी ऐप्स से संबंध, विज्ञापन शुल्क और संचार के तरीकों की जांच कर रही है.  

बॉलीवुड और टीएमसी नेताओं पर भी शिकंजा

 इस मामले में टीएमसी की पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती से सोमवार को पूछताछ हुई, जबकि बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा से मंगलवार को सवाल-जवाब किए गए. बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला को भी मंगलवार को पेश होने को कहा गया था, लेकिन वह अभी तक ईडी के सामने नहीं आईं. ईडी कई अवैध सट्टेबाजी और जुए के प्लेटफॉर्म्स की जांच कर रही है. ये प्लेटफॉर्म सोशल मीडिया और ऐप स्टोर्स पर विज्ञापनों के जरिए प्रचारित होते हैं. इनके खिलाफ गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों से भी जुलाई में पूछताछ हो चुकी है. जांच में पता चला कि ये प्लेटफॉर्म नाम बदलकर काम कर रहे हैं और मशहूर हस्तियों द्वारा प्रचारित किए जा रहे हैं.  

सरकारी निर्देशों की अनदेखी  

केंद्र सरकार ने 2023 में चार एडवाइजरी जारी कर समाचार पत्रों, टीवी चैनलों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया को सट्टेबाजी ऐप्स के विज्ञापन न करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद, कई मशहूर हस्तियों ने इनका समर्थन किया. एक ईडी अधिकारी ने बताया कि ऐसे अभिनेता और खिलाड़ी भी जांच के दायरे में हैं. ये सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन कर रहे हैं. धन अवैध रूप से देश से बाहर भेजा जा रहा है. ईडी के अनुसार, करीब 220 मिलियन भारतीय इन ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें 110 मिलियन नियमित उपयोगकर्ता हैं.