विकसित भारत रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया. इस दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया. सदस्यों ने बिल की प्रतियां फाड़ीं और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. अब यह बिल राज्यसभा में जाएगा. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल का बचाव करते हुए कांग्रेस पर तीखे हमले किए.
शिवराज सिंह ने कहा कि यह बिल ग्रामीण इलाकों में रोज़गार बढ़ाने का लक्ष्य रखता है. लोकसभा में बहस के दौरान स्पीकर ने कहा कि बिल पर पहले चर्चा हो चुकी है. लेकिन विपक्ष ने इसे स्थायी समिति को भेजने की मांग की. विपक्षी सदस्य वेल में घुस गए. उन्होंने कागज फाड़े और स्पीकर की कुर्सी की तरफ फेंके. सदन में कई बार शांति की अपील की गई.
विपक्ष ने बिल को एमजीएनआरईजीए का बदला हुआ रूप बताया. सदस्यों ने हमें एमजीएनआरईजीए चाहिए के नारे लगाए. वे मंत्री के भाषण में बार-बार बाधा डालते रहे. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार योजनाओं के नाम बदल देती है. प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान का जिक्र आया. विपक्ष ने कहा कि सरकार ग्रामीण गरीबों के हितों को नजरअंदाज कर रही है. शिवराज सिंह चौहान ने बिल पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों ने भी रोज़गार योजनाएं चलाई थीं. एनआरईजीए में महात्मा गांधी का नाम 2009 के चुनावों के लिए जोड़ा गया. यह राजनीतिक फायदे के लिए था. चौहान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह गांधी के नाम का दुरुपयोग करती है. उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार की योजनाओं का उदाहरण दिया. कई कल्याण योजनाएं उनके नाम पर हैं.
मंत्री ने कांग्रेस को गांधी के सिद्धांतों का दुश्मन बताया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने भारत के विभाजन को मंजूर किया. आजादी के बाद गांधी ने कांग्रेस भंग करने को कहा था, लेकिन कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया. चौहान ने एमजीएनआरईजीए की कमियां गिनाईं. कई राज्यों में सामग्री पर कम खर्च हुआ. श्रम पर ज्यादा पैसा लगा. इससे संपत्तियों की गुणवत्ता घटी. योजना का असर कम हुआ. बहस के दौरान सदन गरम रहा, नारेबाजी और हंगामा जारी रहा. बिल ग्रामीण विकास पर केंद्रित है. लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक चाल मानता है. अब सबकी नजर राज्यसभा पर है. वहां क्या होगा, यह देखना बाकी है. सरकार का दावा है कि बिल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. रोज़गार बढ़ेंगे. गरीबी घटेगी. लेकिन विपक्ष कहता है कि पुरानी योजना बेहतर थी. बदलाव की जरूरत नहीं.