नई दिल्ली: श्रीलंका के क्रिकेट फैंस के लिए एक चौंकाने वाली खबर आई है. 1996 में श्रीलंका को पहला वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान अर्जुना रणतुंगा अब कानूनी पचड़े में फंस गए हैं.
रणतुंगा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं और अदालत को बताया गया है कि उनकी गिरफ्तारी होने वाली है. आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी.
अर्जुना रणतुंगा श्रीलंका क्रिकेट के बड़े हीरो हैं. 62 साल के इस पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी कप्तानी में 1996 के वर्ल्ड कप में श्रीलंका को चैंपियन बनाया. फाइनल में उन्होंने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को हराया.
यह श्रीलंका क्रिकेट की अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जाती है. रणतुंगा ने न सिर्फ मैदान पर बल्कि टीम को एकजुट करने में भी बड़ी भूमिका निभाई.
यह मामला राजनीति से जुड़ा है. अर्जुना रणतुंगा पेट्रोलियम मंत्री रह चुके हैं. उन पर और उनके बड़े भाई धम्मिका रणतुंगा पर आरोप है कि 2017 में उन्होंने तेल खरीदने की प्रक्रिया में गड़बड़ी की. लंबे समय के अनुबंधों की जगह ऊंची कीमत पर तुरंत खरीदारी की गई.
इससे सरकारी कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को बड़ा नुकसान हुआ. भ्रष्टाचार जांच आयोग के मुताबिक 27 ऐसी खरीदारी से सरकार को करीब 800 मिलियन श्रीलंकाई रुपये (लगभग 23.5 करोड़ भारतीय रुपये) का घाटा हुआ. धम्मिका उस समय इस कंपनी के चेयरमैन थे.
हाल ही में कोलंबो की अदालत में जांच आयोग ने बताया कि अर्जुना रणतुंगा अभी विदेश में हैं. जैसे ही वे श्रीलंका लौटेंगे उनकी गिरफ्तारी की जाएगी. वहीं उनके भाई धम्मिका को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
हालांकि, बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया. धम्मिका अमेरिका और श्रीलंका की दोहरी नागरिकता रखते हैं इसलिए अदालत ने उन पर विदेश यात्रा करने की रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई मार्च 2026 में होगी.
यह मामला श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की सरकार का हिस्सा है. वे पिछले साल सत्ता में आए और भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा किया था.
रणतुंगा परिवार पर पहले भी आरोप लग चुके हैं. एक और भाई प्रसन्ना रणतुंगा, जो पूर्व पर्यटन मंत्री हैं, को पिछले महीने एक अलग घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. पहले भी उन्हें एक मामले में सजा हो चुकी है.