Pakistan terrorism: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. वीडियो में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख आतंकवादी हाफ़िज़ सईद और उसके डिप्टी सैफ़ुल्लाह कसूरी को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर में आयोजित 'यौम-ए-तकबीर' रैली में दिखाया गया है.
यह रैली भारत द्वारा आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन के सबूत पेश किए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई थी. वीडियो में हाफ़िज़ सईद के बेटे तल्हा सईद और कसूरी को कड़ी सुरक्षा के बीच भीड़ में दिखाया गया है. इस खुलासे से भारत के इस दावे को और बल मिलता है कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था.
पहलगाम हमले की साजिश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की प्रारंभिक जांच के अनुसार, पहलगाम हमले की योजना लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर बनाई थी. हमले में शामिल आतंकवादियों, जिनमें दो पाकिस्तानी नागरिक अली भाई उर्फ तल्हा और आसिफ फौजी शामिल थे
बाइसारन घाटी में हमले से पहले एक सप्ताह तक टोह ली थी. एनआईए ने पाया कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप द्वारा सैन्य प्रशिक्षण दिया गया था. हाशिम मूसा, एक अन्य आतंकी, जो पहले पाकिस्तानी सेना का पैरा-कमांडो था, भी इस हमले में शामिल था और वर्तमान में दक्षिण कश्मीर के जंगलों में छिपा हुआ है.
भारत की जवाबी कार्रवाई
पहलगाम हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए. भारतीय सेना ने सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें कई हाई-प्रोफाइल आतंकी शामिल थे.
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द कर दिए और इंदुस वाटर्स संधि को निलंबित कर दिया. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन के सबूत पेश किए हैं.