"28 अगस्त तक मांस बिक्री पर लगा रोक", हरियाणा सीएम नायब सरकार का बड़ा फैसला

हरियाणा सरकार ने जैन समुदाय के पवित्र त्योहार ‘पर्यूषण पर्व’ के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने सभी नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे 20 से 28 अगस्त 2025 तक राज्य के बूचड़खानों में मांस की बिक्री बंद करने की अपील करें.

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Haryana News: हरियाणा सरकार ने जैन समुदाय के पवित्र त्योहार ‘पर्यूषण पर्व’ के सम्मान में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार ने सभी नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे 20 से 28 अगस्त 2025 तक राज्य के बूचड़खानों में मांस की बिक्री बंद करने की अपील करें. यह कदम जैन धर्मावलंबियों की भावनाओं का सम्मान करने और शाकाहारी जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है.

पर्यूषण पर्व के दौरान मांस बिक्री पर रोक

शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी जिला नगर आयुक्तों और नगर निगम आयुक्तों को एक पत्र जारी किया है. इस पत्र में संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पर्यूषण पर्व के दौरान बूचड़खानों को शाकाहारी जीवनशैली अपनाने की अपील की जाए.

पत्र में कहा गया, “सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार, सभी बूचड़खानों को 20 से 28 अगस्त तक मांस की बिक्री न करने का अनुरोध किया जाता है.” इस अवधि में जैन समुदाय के लोग आत्म-चिंतन और तपस्या में लीन रहते हैं, और मांस बिक्री पर रोक उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करता है.

मुंबई हाई कोर्ट का फैसला

हाल ही में, मुंबई हाई कोर्ट ने पर्यूषण पर्व के दौरान बूचड़खानों को 10 दिनों तक बंद करने की मांग को खारिज कर दिया था. मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने कहा कि वे जैन समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन बूचड़खानों को इतने लंबे समय तक बंद करने का कोई वैधानिक आधार नहीं है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने केवल दो दिनों के लिए बूचड़खाने बंद करने की अनुमति दी थी.

पर्यूषण पर्व का महत्व

पर्यूषण पर्व जैन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो आत्म-शुद्धि, क्षमा, और आध्यात्मिक चिंतन का प्रतीक है. इस दौरान जैन धर्मावलंबी उपवास, तपस्या, और ध्यान के माध्यम से अपने जीवन की समीक्षा करते हैं. वे पिछले पापों के लिए क्षमा मांगते हैं और दूसरों से भी क्षमा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं.

यह पर्व जैनियों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में गहराई से जोड़ता है. हरियाणा सरकार का यह निर्णय न केवल जैन समुदाय की भावनाओं का सम्मान करता है, बल्कि सामाजिक समरसता को भी बढ़ावा देता है. पर्यूषण पर्व के दौरान मांस बिक्री पर रोक लगाने की अपील से राज्य में धार्मिक सौहार्द को बल मिलेगा.