अंडमान सागर में भारत की 'गुयाना जैसी' तेल खोज, ऊर्जा क्रांति की ओर भारत का एक और कदम

भारत अंडमान सागर में एक विशाल तेल भंडार की खोज के कगार पर है, जिसे केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'गुयाना जैसी' खोज करार दिया है. 14 जून, 2025 को गैस मंत्री कहा कि यह केवल समय की बात है कि हम अंडमान सागर में गुयाना जैसे तेल भंडार की खोज करेंगे.

Date Updated
फॉलो करें:

Andaman Sea: भारत अंडमान सागर में एक विशाल तेल भंडार की खोज के कगार पर है, जिसे केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'गुयाना जैसी' खोज करार दिया है. 14 जून, 2025 को गैस मंत्री कहा कि यह केवल समय की बात है कि हम अंडमान सागर में गुयाना जैसे तेल भंडार की खोज करेंगे.

यह खोज भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक प्रगति के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकती है. भारत, जो अपनी 85% से अधिक तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है, इस खोज के साथ वैश्विक ऊर्जा बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है.

नीतिगत सुधार की जरूरत 

पुरी ने 2016 के बाद शुरू हुए नीतिगत सुधारों पर जोर दिया, जिनमें उत्पादन साझेदारी से राजस्व साझेदारी मॉडल में बदलाव शामिल है. ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के तहत भारत ने 3.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के तलछटी बेसिन में से 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर को अन्वेषण के लिए खोल दिया.

OALP के नौवें दौर में 38% बोली नए क्षेत्रों में आईं. पुरी ने बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप अंडमान सागर में तेल और गैस के संकेत मिले हैं.

आर्थिक प्रभाव

पुरी का दावा है कि इस खोज से भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर से 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है. गुयाना में ExxonMobil की 11.6 बिलियन बैरल की खोज से तुलना करते हुए, अंडमान सागर में संभावित 22 बिलियन बैरल तेल भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है.

ONGC और ऑयल इंडिया जैसी कंपनियां अंडमान में ड्रिलिंग तेज कर रही हैं. सरकार ने विदेशी कंपनियों को भी निवेश के लिए प्रोत्साहित किया है. यह खोज भारत को वैश्विक ऊर्जा शक्ति बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.