Chenab-Ravi-Beas-Sutlej Link Canal: भारत सरकार ने चेनाब नदी से 15-20 मिलियन एकड़ फीट पानी को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की ओर मोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. इस परियोजना का उद्देश्य इन राज्यों में गर्मियों के दौरान होने वाले जल संकट को हमेशा के लिए हल करना है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने चेनाब-रावी-ब्यास-सतलज लिंक नहर परियोजना के निर्माण के लिए एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन शुरू किया है. इस कदम से न केवल जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा बल्कि इन क्षेत्रों में कृषि और घरेलू ज़रूरतें भी पूरी होंगी.
चिनाब-रवि-ब्यास-सतलुज लिंक नहर परियोजना
इस परियोजना के तहत जम्मू-कश्मीर से होकर बहने वाली चिनाब नदी का पानी नहरों के ज़रिए पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की ओर मोड़ा जाएगा. इस लिंक नहर परियोजना के पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन में यह जांच की जाएगी कि यह योजना तकनीकी और आर्थिक रूप से कितनी व्यवहार्य है. यह परियोजना न केवल पानी की कमी को दूर करेगी बल्कि इन राज्यों में सिंचाई सुविधाओं को भी बढ़ाएगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.
राज्यों के लिए एक वरदान
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान, जो अक्सर गर्मियों में गंभीर जल संकट का सामना करते हैं, इस परियोजना से सबसे अधिक लाभान्वित होंगे. राजस्थान जैसे रेगिस्तानी क्षेत्र में पानी की उपलब्धता से न केवल पीने के पानी की समस्या हल होगी, बल्कि कृषि उत्पादन में भी क्रांति आएगी. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दर्शाती है, जो जल संसाधनों के समुचित उपयोग और देश के हर कोने तक पानी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है.
भविष्य की राह
चिनाब-रवि-ब्यास-सतलुज लिंक नहर परियोजना भारत के जल प्रबंधन में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है. यह कदम न केवल जल संकट को हल करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करेगा. सरकार इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि इन राज्यों के लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके.