वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया संशोधित आयकर विधेयक, जानें क्या है खास

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 11 अगस्त को लोकसभा में संशोधित आयकर विधेयक पेश किया. संशोधित आयकर विधेयक में भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशें शामिल हैं.

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Courtesy: Social Media

New Income Tax Bill in the Lok Sabha: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 11 अगस्त को लोकसभा में संशोधित आयकर विधेयक पेश किया. संशोधित आयकर विधेयक में भाजपा सांसद बैजयंत जय पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति द्वारा की गई अधिकांश सिफारिशें शामिल हैं. प्रवर समिति ने आयकर विधेयक पर 285 सुझाव दिए थे. इसका मकसद कर कानूनों को सरल और करदाता-अनुकूल बनाना है.

इससे पहले वित्त मंत्री द्वारा फरवरी 2025 में पेश किए गए आयकर विधेयक को शुक्रवार को वापस ले लिया था. यह विधेयक 60 साल में प्रत्यक्ष कर कानून में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा था. 

प्रवर समिति के प्रमुख सुझाव  

प्रवर समिति ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जो मध्यम वर्ग और करदाताओं के लिए राहत लेकर आएंगे.  

  • समिति ने सुझाव दिया कि आवासीय संपत्तियों से आय अर्जित करने वालों को 30% मानक कटौती दी जाए. यह कटौती नगरपालिका कर कटौती के बाद लागू होगी. इसे विधेयक में स्पष्ट रूप से शामिल करने की सिफारिश की गई है.
  • अभी तक गृह ऋण ब्याज कटौती केवल स्वयं के कब्जे वाली संपत्तियों पर मिलती थी. समिति ने इसे किराए की संपत्तियों पर भी लागू करने का प्रस्ताव दिया है. इससे मकान मालिकों और किराए की आय के लिए निवेश करने वालों को फायदा होगा.
  • कई करदाताओं को टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) के रिफंड में देरी का सामना करना पड़ता है. समिति ने रिफंड प्रक्रिया को तेज, आसान और पारदर्शी बनाने की मांग की है.  

करदाताओं के लिए राहत  

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि नए नियम सहानुभूति के साथ प्रवर्तन नीति के तहत बनाए जा रहे हैं. इसका लक्ष्य ईमानदार करदाताओं की परेशानियों को कम करना है. यह विधेयक कर प्रणाली को और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम है. कानून को न केवल सरल , बल्कि मध्यम वर्ग और संपत्ति में निवेश करने वालों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद भी होने की उम्मीद जताई जा रही है. सरकार का दावा है कि यह विधेयक कर प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय और सुगम बनाएगा.