Anna University: चेन्नई की महिला अदालत ने बुधवार को अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी ज्ञानशेखरन को सभी आरोपों में दोषी ठहराया. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने मामले को "निस्संदेह साबित" किया है.
क्या था पूरा मामला
यह घटना दिसंबर 2024 में हुई, जब ज्ञानशेखरन ने चेन्नई की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्था अन्ना यूनिवर्सिटी के परिसर में अनधिकृत प्रवेश किया. अभियुक्त ने 19 वर्षीय छात्रा को धमकाकर यौन उत्पीड़न किया और उसे नियमित रूप से मिलने के लिए मजबूर किया. घटना 23 दिसंबर, 2024 को रात 8 बजे के आसपास हुई, जब पीड़िता अपने तृतीय वर्ष के पुरुष मित्र के साथ परिसर में एक इमारत के पीछे बात कर रही थी. ज्ञानशेखरन ने पहले पुरुष छात्र पर हमला किया और फिर छात्रा का यौन उत्पीड़न किया.
शिकायत और गिरफ्तारी
पीड़िता ने 24 दिसंबर को कोट्टूरपुरम ऑल वुमन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की. शिकायत में बताया गया कि अभियुक्त ने पीड़िता और उसके मित्र के निजी पलों को मोबाइल में रिकॉर्ड किया और वीडियो लीक करने की धमकी दी. उसने पीड़िता के पहचान पत्र और पिता का नंबर भी लिया, जिसके आधार पर उसने उसे ब्लैकमेल किया. ग्रेटर चेन्नई पुलिस आयुक्त ए. अरुण ने बताया कि ज्ञानशेखरन के खिलाफ 20 मामले दर्ज हैं, जिनमें से छह में सजा हो चुकी है, लेकिन ये सभी चोरी और सेंधमारी जैसे अपराध हैं.
राजनीतिक विवाद
मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया. साथ ही, पुलिस द्वारा प्राथमिकी में पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए तमिलनाडु सरकार को 25 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दिया.
इस मामले ने राजनीतिक विवाद भी खड़ा किया, जब विपक्षी दलों ने ज्ञानशेखरन के सत्तारूढ़ डीएमके से संबंध होने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने स्पष्ट किया कि अभियुक्त केवल पार्टी समर्थक था, न कि सदस्य.