क्या आपकी खिचड़ी बेसिक है? प्रोटीन और फाइबर के साथ ऐसे बनाएं पौष्टिक पावरहाउस

भारतीय रसोई की सदाबहार डिश खिचड़ी अब सिर्फ आरामदायक भोजन नहीं, बल्कि प्रोटीन और फाइबर से भरपूर सुपरफूड बन सकती है.

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Courtesy: X (@PratibhaPriyad3)

भारतीय रसोई की सदाबहार डिश खिचड़ी अब सिर्फ आरामदायक भोजन नहीं, बल्कि प्रोटीन और फाइबर से भरपूर सुपरफूड बन सकती है. ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के सर्जन और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. करण राजन ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम वीडियो में एक सरल तरीका साझा किया है, जिससे साधारण खिचड़ी पेट के लिए फायदेमंद और पौष्टिक हो जाती है. यह तरीका न केवल आसान है, बल्कि संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए भी आदर्श साबित हो रहा है.

खिचड़ी भारतीय घरों में बीमारी या थकान के समय सबसे ज्यादा पसंद की जाती है क्योंकि यह हल्की, गर्म और आसानी से पचने वाली होती है. डॉ. राजन के अनुसार, इसका मुलायम बनावट और संतुलित आधार पेट पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालता. जब पाचन तंत्र कमजोर होता है, तो खिचड़ी प्राकृतिक रूप से राहत प्रदान करती है. इसे थोड़े बदलाव से और प्रभावी बनाया जा सकता है, बिना स्वाद या सरलता खोए.

दालें और बीन्स मिलाकर बढ़ाएं प्रोटीन-फाइबर

साधारण चावल मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट प्रदान करता है, जो ऊर्जा तो देता है लेकिन पोषण में अधूरा रह जाता है. डॉ. राजन सुझाव देते हैं कि चावल को विभिन्न दालों और बीन्स के मिश्रण के साथ पकाएं. इससे डिश का पोषण स्तर पूरी तरह बदल जाता है. उनके अनुसार, सफेद चावल पसंद करने वालों के लिए एक सर्विंग में करीब 40 ग्राम प्रोटीन और 30 ग्राम फाइबर मिल सकता है. यह संयोजन लंबे समय तक पेट भरा रखता है और शरीर को सभी आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करता है.

संवेदनशील पेट के लिए खास तैयारी टिप्स

दालों से सूजन की शिकायत अक्सर गलत तैयारी के कारण होती है. डॉ. राजन की सलाह है कि पकाने से पहले चावल, दालें और बीन्स को अच्छी तरह धो लें. इससे FODMAP यौगिकों की मात्रा कम हो जाती है, जो पेट की संवेदनशीलता या ब्लोटिंग बढ़ाते हैं. यह छोटा बदलाव कोलन में स्वस्थ किण्वन को बढ़ावा देता है, जबकि पाचन पर दबाव नहीं पड़ता. नतीजतन, खिचड़ी पेट के लिए और भी कोमल हो जाती है.

माइक्रोबायोम को पोषित करने वाली अतिरिक्त सामग्री

बेस तैयार होने के बाद कुछ साधारण सामग्रियां जोड़कर खिचड़ी को आंत के सूक्ष्मजीवों के लिए फायदेमंद बनाएं. डॉ. राजन फ्रोजन पालक, लहसुन, अदरक, प्याज और मिर्च की सिफारिश करते हैं. ये पॉलीफेनॉल्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स से भरपूर होते हैं, जो माइक्रोबियल विविधता बढ़ाते हैं और सूजन कम करते हैं. साथ ही, वसा में घुलनशील विटामिनों के अवशोषण के लिए थोड़ा घी मिलाना न भूलें – इसे डॉ. राजन 'दादी की खुराक' कहते हैं.

प्रोटीन और फाइबर का संपूर्ण संयोजन

प्रोटीन और फाइबर को अक्सर अलग-अलग देखा जाता है, लेकिन डॉ. राजन स्पष्ट करते हैं कि दोनों अलग भूमिकाएं निभाते हैं और साथ मिलकर सबसे बेहतर काम करते हैं. उनका यह खिचड़ी वर्शन सभी आवश्यक पोषक तत्व देता है, जो पाचन को सुचारु रखता है. यह सुंदर भारतीय डिश अब स्वास्थ्य का प्रतीक बन सकती है.