बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई है. उनकी मौत की खबर फैलते ही राजधानी ढाका में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. प्रमुख अखबारों के दफ्तरों में आग लगा दी गई. कई शहरों में तनाव बना हुआ है.
32 साल के शरीफ उस्मान हादी इंकलाब मंच के वरिष्ठ नेता थे. वे 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे. इस आंदोलन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया था. पिछले हफ्ते ढाका में एक मस्जिद से निकलते समय नकाबपोश हमलावरों ने उन पर गोली चलाई, गोली सिर में लगी. उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, वहां इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई. यह हमला चुनाव तारीख घोषणा के एक दिन बाद हुआ था. हादी ढाका से स्वतंत्र उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़ने वाले थे.
मौत की खबर मिलते ही समर्थक शाहबाग चौक पर जमा हो गए और नारे लगाकर न्याय की मांग करने लगे. बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने द डेली स्टार और प्रोथोम अली अखबारों के दफ्तरों पर हमला किया, तोड़फोड़ की. एक इमारत में आग लगा दी. पत्रकार इमारत में फंस गए. हालांकि अग्निशमन कर्मियों ने उन्हें बचाया. बढ़ते हुए तनाव को देखते हुए सेना तैनात की गई. चटगांव समेत कई शहरों में भी हिंसा हुई. कुछ जगहों पर आवामी लीग के दफ्तर जलाए गए.
नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख हैं. उन्होंने हादी की मौत को राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया. टेलीविजन संबोधन में कहा कि लोकतंत्र की राह को डर या हिंसा से नहीं रोका जा सकता. यूनुस ने हमले को साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि मकसद चुनाव पटरी से उतारना है. किसी भी हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यूनुस ने शनिवार को राष्ट्रीय शोक घोषित किया. इस दौरान झंडे आधे झुके रहेंगे. मस्जिदों में विशेष प्रार्थना होगी.
हादी के विरोध के बाद शेख हसीना को अपना देश छोड़ना पड़ा. इसके बाद से शेख हसीना भारत में निर्वासन में हैं. नवंबर में उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. 2024 में छात्रों के नेतृत्व में आंदोलन हुआ. हसीना 5 अगस्त को भारत भाग गईं. 15 साल का शासन खत्म हुआ. अशांति में 1400 लोग मारे गए. अब फरवरी 2026 में चुनाव होने हैं. इस हिंसा की जांच चल रही है, कई लोग हिरासत में हैं. राजनीतिक दल शोक व्यक्त कर रहे हैं. देश में शांति बनाए रखने की अपील की गई है.