Sheikh Hasina: बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव चरम पर है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एक सोशल मीडिया पोस्ट में हसीना ने कहा कि यूनुस ने चरमपंथियों की मदद से सत्ता हथियाई. उन्होंने यूनुस पर अमेरिका के साथ मिलकर देश के हितों को बेचने का भी आरोप लगाया. हसीना ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है.
हसीना ने कहा कि यूनुस ने कई उग्रवादियों को जेल से रिहा किया. ये लोग उनके शासनकाल में आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में पकड़े गए थे. हसीना ने लिखा कि जेलें खाली हो रही हैं. खतरनाक लोग अब सत्ता में प्रभाव बढ़ा रहे हैं. हसीना ने कहा कि यह बांग्लादेश की स्थापना के सिद्धांतों के खिलाफ है.
हसीना ने यूनुस पर विदेशी ताकतों के साथ काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका का जिक्र किया. हसीना ने कहा कि मेरे पिता शेख मुजीबुर रहमान ने सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका को देने से इनकार किया था. इसके लिए उन्हें जान गंवानी पड़ी. उन्होंने यूनुस पर राष्ट्रीय हितों की अनदेखी का इल्जाम लगाया. हसीना ने कहा कि वह सत्ता के लिए देश नहीं बेचेंगी. हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध को गलत बताया. उन्होंने इसे असंवैधानिक और अवैध कदम करार दिया. हसीना ने सवाल उठाया कि बिना संसद के ऐसे फैसले कैसे लिए जा सकते हैं. उन्होंने यूनुस की वैधता पर भी सवाल उठाए. हसीना ने कहा कि यूनुस का पद संवैधानिक नहीं है. यह बांग्लादेश के लोकतंत्र के लिए खतरा है.
यूनुस ने दिसंबर तक चुनाव कराने के दबाव को अनुचित बताया. उन्होंने जनता के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने जल्द चुनाव की मांग की है. दोनों चाहते हैं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था जल्द बहाल हो. यह तनाव बांग्लादेश में अस्थिरता बढ़ा रहा है. सेना प्रमुख और यूनुस के बीच मतभेद बढ़ रहे हैं. सेना ने यूनुस के म्यांमार कॉरिडोर प्रस्ताव को खारिज किया. इसे राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए खतरा बताया गया. यूनुस पर विदेशी हस्तक्षेप के भी आरोप हैं. सेना चाहती है कि यूनुस जल्द चुनाव कराएं. यह टकराव बांग्लादेश की सियासत को और जटिल बना रहा है.