भारत का रूस से तेल खरीद पर करारा जवाब, अमेरिका-पश्चिम को कहा, ‘नहीं पसंद, तो न खरीदें’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए अमेरिका और पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की तेल खरीद राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ वैश्विक ऊर्जा स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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India-Russia oil purchase: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत की स्थिति को स्पष्ट करते हुए अमेरिका और पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि भारत की तेल खरीद राष्ट्रीय हितों के साथ-साथ वैश्विक ऊर्जा स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है.

जयशंकर ने भारत की स्वतंत्र नीति पर जोर देते हुए आलोचनाओं का जवाब दिया और कहा, “अगर आपको हमसे तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में आपत्ति है, तो न खरीदें. कोई मजबूरी नहीं है.”

रूस के साथ ऊर्जा व्यापार का बचाव

जयशंकर ने यह बयान हाल ही में मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हुई बैठक के बाद दिया. उन्होंने कहा कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना न केवल राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों को स्थिर रखने में भी मदद करता है. जयशंकर ने कहा, "जब 2022 में तेल की कीमतें आसमान छू रही थीं, तो विश्व समुदाय ने भारत को रूस से तेल खरीदने की छूट दे दी, क्योंकि यह बाजार संतुलन में मददगार था."

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत का यह कदम न केवल उसके नागरिकों के हित में है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद है. विदेश मंत्री ने कहा, "हमारी नीति स्पष्ट है. हम रूस के साथ व्यापार को और बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि यह दोनों देशों के लिए फायदेमंद है."

अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव 

जयशंकर ने अमेरिका के साथ चल रहे व्यापारिक तनाव पर भी टिप्पणी की. हाल ही में अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया, जिसमें 25% पेनल्टी टैरिफ भी शामिल है, जो रूस से तेल खरीदने के कारण लगाया गया. जयशंकर ने इसे हास्यास्पद करार देते हुए कहा, “एक व्यापार-समर्थक देश जैसे अमेरिका का दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगाना आश्चर्यजनक है.” उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी स्वतंत्र नीतियों पर अडिग रहेगा और किसी भी दबाव में नहीं आएगा. 

भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाई

19 से 21 अगस्त तक रूस की अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर ने भारत-रूस इंटरनेशनल कमीशन (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की. इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की. जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को दोहराते हुए कहा कि भारत इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहता है. 

अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में संतुलन

अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता पर जयशंकर ने कहा कि बातचीत जारी है, लेकिन भारत अपने किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. “हमारी कुछ सीमाएं हैं, और हमें उनके प्रति स्पष्ट होना होगा.

रिश्तों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन कुल मिलाकर भारत-अमेरिका संबंध सकारात्मक हैं,” उन्होंने कहा. जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव देखा गया है, खासकर ट्रंप प्रशासन के दौरान, जब G2 फ्रेमवर्क जैसे विचारों को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.