H1B वीज़ा पर नई सोशल मीडिया वेटिंग पॉलिसी से भारतीयों में चिंता तेज, इंटरव्यू स्लॉट्स मार्च 2026 तक खिसके

H1B अप्रूवल्स में 70% से अधिक और H4 EAD होल्डर्स में लगभग 90% भारतीय हैं. ऐसे में यह बदलाव सीधे भारतीय कम्युनिटी को प्रभावित करता है, जिनकी नौकरी, मॉर्गेज और बच्चों की शिक्षा कई वर्षों से स्थिर वीज़ा स्टेटस पर निर्भर करती रही है.

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Courtesy: X (@samrat4bjp)

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा लागू किए जाने वाले नए नियम ने भारत के लाखों H1B और H4 वीज़ा धारकों में चिंता बढ़ा दी है. नए नियमन के तहत अब सभी वीज़ा एप्लिकेंट्स (चाहे नए हों या रिन्यूअल के लिए आवेदन कर रहे हों) को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को पब्लिक करना अनिवार्य होगा. यह नियम 15 दिसंबर से लागू होगा.

H1B अप्रूवल्स में 70% से अधिक और H4 EAD होल्डर्स में लगभग 90% भारतीय हैं. ऐसे में यह बदलाव सीधे भारतीय कम्युनिटी को प्रभावित करता है, जिनकी नौकरी, मॉर्गेज और बच्चों की शिक्षा कई वर्षों से स्थिर वीज़ा स्टेटस पर निर्भर करती रही है.

इमिग्रेशन वकीलों ने दी जानकारी

इमिग्रेशन वकीलों के अनुसार, नया नियम कॉन्सुलर अधिकारियों को X, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म्स पर एप्लिकेंट्स के पब्लिक पोस्ट्स और गतिविधियों की जांच करने का अधिकार देता है. विशेषज्ञों का कहना है कि छोटीमोटी गलतफहमियों, राजनीतिक विचारों या रिज्यूमे में मामूली विसंगतियों के कारण अतिरिक्त जांच शुरू हो सकती है. कई टेक कंपनियों ने अपने भारतीय कर्मचारियों को सोशल मीडिया ऑडिट करने, राजनीतिक कंटेंट से दूर रहने और सभी वीज़ा पिटीशन में केवल प्रोफ़ेशनल ईमेल के इस्तेमाल की सलाह देना शुरू कर दिया है.

बीच यात्रा में यात्रियों को झटका

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हैदराबाद, चेन्नई समेत कई भारतीय US कॉन्सुलेट्स में बड़ी संख्या में वीज़ा अपॉइंटमेंट अचानक कैंसिल कर दिए गए. कई आवेदकों को यह जानकर झटका लगा कि उनकी दिसंबर की इंटरव्यू डेट मार्च 2026 तक बढ़ा दी गई है. इससे कई नए हायर जॉइनिंग नहीं कर पा रहे हैं और कई परिवार विदेश में फँसे हुए हैं. छोटी यात्राओं पर आए भारतीय अब वापस लौटने में असमर्थ हैं और महीनों की अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं.

स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि यह पॉलिसी पहले से स्टूडेंट्स और एक्सचेंज विज़िटर्स के लिए लागू ऑनलाइनप्रेज़ेंस चेक को और मजबूत बनाती है. एजेंसी ने कहा कि हर वीज़ा एडज्यूडिकेशन एक नेशनल सिक्योरिटी फैसला है. इसके मुताबिक, सोशल मीडिया की वेटिंग से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी व्यक्ति अमेरिकी नेशनल इंटरेस्ट को नुकसान पहुंचाने के इरादे से देश में प्रवेश न करे. डिपार्टमेंट का कहना है कि US वीज़ा एक प्रिविलेज है, अधिकार नहीं.