Ayatollah Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आज इजरायल के साथ युद्ध के बाद पहली बार सार्वजनिक जीवन में जोरदार वापसी की. इजरायल के साथ हाल के संघर्ष के बाद यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी. खामेनेई ने तेहरान में आशूरा के शोक समारोह में हिस्सा लिया. यह मौका क्षेत्रीय तनाव के बीच खास महत्व रखता है.
खामेनेई को मध्य तेहरान की इमाम खुमैनी मस्जिद में देखा गया. वे पारंपरिक काले कपड़े पहने थे. श्रद्धालुओं ने उनके स्वागत में जोश से नारे लगाए. आशूरा शिया मुस्लिमों के लिए बेहद पवित्र दिन है.
खामेनेई ने आशूरा जैसे भावनात्मक अवसर को चुना. यह ईरान में धार्मिक और राजनीतिक एकता का प्रतीक है. उनकी उपस्थिति ने अवज्ञा और शिया पहचान को दर्शाया. यह ईरान की राजनीतिक संरचना का आधार है. उनकी वापसी ने समर्थकों में जोश भरा. यह दिखाता है कि खामेनेई देश को एकजुट रखना चाहते हैं. 13 जून को इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू किए. इसके बाद खामेनेई सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए. उनकी अनुपस्थिति ने कई अटकलें लगाईं. विदेशी मीडिया ने उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सवाल उठाए. इस दौरान उनके संदेश प्री-रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए आए. उन्होंने कतर में अमेरिकी बेस पर हमले को अमेरिका के चेहरे पर तमाचा बताया.
Ce soir (samedi 05 juillet 2025), la cérémonie de deuil de la nuit d'Achoura en l'honneur de l'Imam Hussein (ps) s'est tenue en présence de Son Eminence l'Ayatollah Khamenei, Guide suprême de la Révolution Islamique, à la Husseinyah Imam Khomeiny (RA) à Téhéran. pic.twitter.com/e4wcX2jZBH
— Ayatollah Khamenei (@fr_Khamenei) July 5, 2025
इजरायल-ईरान संघर्ष में भारी नुकसान हुआ. इस युद्ध में कई लोगों की जान चली गई. ईरान ने जवाबी मिसाइल हमले किए. इस युद्ध ने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया. 24 जून को युद्धविराम हुआ, लेकिन स्थिति नाजुक है. उनकी यह उपस्थिति दर्शाती है कि वे देश को मजबूती से नेतृत्व दे रहे हैं.
युद्ध के दौरान उनकी अनुपस्थिति ने सवाल उठाए थे. लेकिन आशूरा पर उनकी वापसी ने इन अटकलों को खत्म किया. उन्होंने ईरानी सेना को नए कमांडर नियुक्त किए. इससे उनकी सक्रियता का पता चलता है. ईरान और इजरायल के बीच तनाव कम नहीं हुआ है. खामेनेई की वापसी से ईरान का मनोबल बढ़ा है. लेकिन परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय संघर्ष चुनौतियां बने हुए हैं. उनकी यह उपस्थिति दुनिया को संदेश देती है कि ईरान दबाव में नहीं झुकेगा.