रूस का भारत को मिला समर्थन, अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ खुला बाजार और तेल की आपूर्ति का वादा

अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच रूस ने भारत के साथ अपनी दोस्ती को और मजबूत करने का ऐलान किया है.

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Russia-India relations: अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच रूस ने भारत के साथ अपनी दोस्ती को और मजबूत करने का ऐलान किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद रूस ने भारत का खुलकर समर्थन किया है.

रूसी मिशन के उपप्रमुख रोमन बाबुश्किन ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिका का यह कदम अनुचित है और भारत-रूस के बीच ऊर्जा सहयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

अमेरिका का टैरिफ और भारत की चुनौती

अमेरिका ने फरवरी 2022 में यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद रूस पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिसके चलते पश्चिमी देशों ने रूसी तेल की खरीद बंद कर दी थी. इस स्थिति का लाभ उठाते हुए भारत ने रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदना शुरू किया, जिससे देश को अरबों डॉलर की बचत हुई.

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे रूस के युद्ध प्रयासों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए भारत पर पहले 25% और अब 50% टैरिफ थोप दिया. इस कदम ने भारत के सामने एक जटिल आर्थिक और कूटनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है.

रोमन बाबुश्किन ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया गया टैरिफ अनुचित है. यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों पर हमला है. हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करेंगे." उन्होंने यह भी जोड़ा कि रूस और भारत के बीच संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक रणनीतिक दोस्ती है जो किसी भी बाहरी दबाव से प्रभावित नहीं होगी.

रूस का भारत को खुला न्योता

रूस ने भारत को आश्वासन दिया है कि अगर अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों को किसी तरह की बाधा का सामना करना पड़ता है, तो रूसी बाजार भारतीय निर्यात के लिए पूरी तरह खुला है. बाबुश्किन ने कहा, "हम भारतीय उत्पादों का अपने बाजार में स्वागत करते हैं.

रूस भारत को न केवल तेल की आपूर्ति जारी रखेगा, बल्कि भारतीय वस्तुओं के लिए एक वैकल्पिक और विश्वसनीय बाजार भी प्रदान करेगा." यह बयान उस समय आया है जब भारत को अमेरिकी टैरिफ के कारण अपने निर्यात में 27 अरब डॉलर के नुकसान का खतरा है.

रूस ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भारत को रियायती दरों पर तेल की आपूर्ति जारी रखेगा. यह सस्ता तेल भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और रूस ने इसे और सुलभ बनाने का वादा किया है.

भारत का दृढ़ रुख

भारत ने भी अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमारा तेल आयात बाजार के सिद्धांतों और 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा जरूरतों पर आधारित है. अमेरिका का यह कदम न केवल अनुचित है, बल्कि वैश्विक व्यापार के सिद्धांतों के खिलाफ भी है." भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा.

रूस-भारत संबंधों की मजबूती

रूस और भारत के बीच संबंधों को और मजबूती हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई टेलीफोनिक बातचीत से मिली. पुतिन ने मोदी को यूक्रेन संकट पर विस्तृत जानकारी दी और भारत के रुख की सराहना की. बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस के बीच विश्वास का रिश्ता है. हम किसी भी चुनौती का सामना एक साथ करेंगे.