Online Gaming: भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग, जो वर्तमान में 31,938 करोड़ रुपये का विशाल बाजार है, एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है. केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य धन से जुड़े ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाना और ई-स्पोर्ट्स तथा ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है. इस विधेयक ने उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों और हितधारकों में चिंता की लहर दौड़ा दी है.
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
नए विधेयक में धन से जुड़े ऑनलाइन गेम्स (रियल मनी गेमिंग या RMG) और उनके विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध प्रस्तावित हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए कठोर सजा का प्रावधान है:
यह विधेयक मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए धन से जुड़े गेम्स पर नकेल कसने का लक्ष्य रखता है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहन देता है.
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का आकार
भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार 2024 में 3.7 अरब डॉलर (लगभग 31,938 करोड़ रुपये) का है, जिसमें रियल मनी गेमिंग का योगदान 85.7% (27,438 करोड़ रुपये) है. अनुमान है कि 2029 तक यह बाजार 9.1 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. देश में 45 करोड़ से अधिक गेमर्स हैं, और यह उद्योग:25,000 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक टैक्स देता है.
उद्योग पर संकट
ड्रीम11, विंजो, गेम्स24x7, माई11सर्कल जैसी प्रमुख कंपनियां इस विधेयक से प्रभावित हो सकती हैं. अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (AIGF) ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना है कि पूर्ण प्रतिबंध से उद्योग को भारी नुकसान होगा, जिसके परिणामस्वरूप:
उद्योग के एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी कि प्रतिबंध से अवैध गतिविधियां बढ़ेंगी और सामाजिक-आर्थिक परिणाम गंभीर हो सकते हैं.
गेमिंग में महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी
HP की गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 के अनुसार, 15 शहरों के 3000 गेमर्स के सर्वे में खुलासा हुआ कि 58% महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे तक गेमिंग करती हैं. उत्तर भारत में 54% और पश्चिम भारत में 74% महिलाएं गंभीर गेमिंग में सक्रिय हैं, जो इस क्षेत्र में उनकी बढ़ती रुचि को दर्शाता है.
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग भारत में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. हालांकि, सरकार का नया विधेयक इसे विनियमित करने के साथ-साथ इसके भविष्य पर सवाल उठा रहा है. उद्योग के हितधारकों का मानना है कि संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है, ताकि अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगे, लेकिन वैध गेमिंग उद्योग को नुकसान न पहुंचे.