भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा, जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री लावरोव से की मुलाकात

जयशंकर ने बताया कि यह मुलाकात न केवल राजनीतिक संबंधों को गहरा करने का अवसर है, बल्कि व्यापार, निवेश, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाने का भी मौका है.

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Courtesy: Social Media

Jaishankar meets Russian FM Lavrov: केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच राजनीतिक और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में दोनों देशों का साझा लक्ष्य अपनी पूरकता को अधिकतम करना है. यह बैठक साल के अंत में होने वाले भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा है.

जयशंकर ने बताया कि यह मुलाकात न केवल राजनीतिक संबंधों को गहरा करने का अवसर है, बल्कि व्यापार, निवेश, रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाने का भी मौका है. उन्होंने कहा कि हम अपने नेताओं के मार्गदर्शन में विशेष रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करना चाहते हैं. रूस के उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ बुधवार को हुई बैठक में भी कई अहम मुद्दों पर समाधान निकाले गए. दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने और संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देने पर सहमत हुए.

लावरोव का बहुध्रुवीय विश्व पर जोर  

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि आज का दौर बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था का है. उन्होंने एससीओ, ब्रिक्स और जी20 जैसे संगठनों की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया. लावरोव ने इस मुलाकात को सार्थक बताते हुए कहा कि हमें आज की बातचीत से कई सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. उन्होंने भारत-रूस संबंधों को वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया. जयशंकर ने रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और रूस को रचनात्मक और अभिनव दृष्टिकोण अपनाना होगा. इस पृष्ठभूमि में जयशंकर की यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

मंटुरोव के साथ व्यापारिक चर्चा  

जयशंकर मंगलावर से तीन दिवसीय मॉस्को यात्रा पर पहुंचें है. इस दौरान उन्होंने रूस के प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से भी मुलाकात की. यह बैठक भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के तहत हुई. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को अपने व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को और विविध करना चाहिए. जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाना दोनों देशों का साझा लक्ष्य है. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर खुलने की उम्मीद है. साल के अंत में होने वाला शिखर सम्मेलन इस दिशा में एक बड़ा कदम होगा.