Operation Sindoor Aftermath: भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए सटिक हमलों से पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों को बड़ा नुकसान हुआ है. मिल रही जानकारी के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख केंद्र को ऑपरेशन सिंदूर का भारी नुकसान उठाना पड़ा है. भारतीय सेना द्वारा बुधवार के तड़के किया गए हमले कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जवाब थे, जिसमें 25 भारतयी और एक नेपाल के नागरिक शहीद हो गए थे.
पाकिस्तान पर भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों के कुछ घंटों बाद सामने आई तस्वीरें भारतीय सेना के परफेक्शन को साफ देखा जा सकता हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जेईएम का मुख्य प्रशिक्षण केंद्र, मरकज सुभान अल्लाह, निशाना बनाया गया.
अमेरिकी कंपनी मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तस्वीरों से पता चलता है कि इस केंद्र की एक बड़ी मस्जिद के तीन गुंबद नष्ट हो गए, जबकि दो अन्य सुरक्षित रहे. लगभग 2,100 वर्ग मीटर में फैली इमारतें मलबे में बदल गईं. इन हमलों में हैमर स्मार्ट बम और स्कैल्प मिसाइलों का उपयोग किया गया. हैमर 70 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकता है, जबकि स्कैल्प 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइल है. 15 एकड़ में फैला मरकज सुभान अल्लाह जेईएम का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन केंद्र है.
#WATCH | Satellite pics from Maxar Technologies show damage caused by Indian missile strikes on Jamia Mosque in Bahawalpur and the city of Muridke, Pakistan, before and after the strike.
— ANI (@ANI) May 8, 2025
(Source: Reuters) pic.twitter.com/6idaYwwjOW
तस्वीरों से यह भी पता चला कि पंजाब के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मुख्यालय, मरकज तैयबा, की एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा. 82 एकड़ में फैला यह केंद्र हथियार, शारीरिक और धार्मिक प्रशिक्षण के लिए जाना जाता है. यहां सूफ़ा अकादमी पुरुष और महिला कैडरों को कट्टरपंथी बनाने का काम करती है. हर साल करीब एक हजार से भी अधिक छात्र यहां प्रशिक्षण लेते हैं. इस केंद्र की मस्जिद और गेस्ट हाउस को अल-कायदा के पूर्व नेता ओसामा बिन लादेन ने वित्तपोषित किया था.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर 25 मिनट तक लगातार हमला किया. यह बालाकोट के बाद सबसे बड़ा सीमा पार हमला था. ऑपरेशन सिंदूर में वायु और जमीनी संसाधनों का उपयोग हुआ. सूत्रों के अनुसार इस हमले में पाकिस्तान में जेईएम, एलईटी और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए.