ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने की कोशिश जारी, एक हजार लोगों के साथ दिल्ली पहुंच सकती है विमान!

भारत ने 16 जून को 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया. यह अभियान ईरान और इजराइल के बीच सैन्य तनाव के कारण शुरू हुआ. इसका लक्ष्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अब उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही एक हजार भारतीय छात्र वापसी करने वाले हैं.

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Courtesy: Social Media

Iran-Israel Conflict: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत ने 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया, जिसके तहत ईरान और इजराइल से भारतीयों को निकाला जा रहा है. ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को खोलकर भारत की मदद की है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान में फंसे लगभग 1,000 भारतीयों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें शुरू की गईं. मशहद से महान एयर की चार्टर्ड उड़ानें संचालित हो रही हैं. पहली उड़ान शुक्रवार रात दिल्ली पहुंचेगी. यह कदम क्षेत्र में बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया गया है.  

छात्रों को भारत लाने की कोशिश

भारत ने 16 जून को 'ऑपरेशन सिंधु' शुरू किया. यह अभियान ईरान और इजराइल के बीच सैन्य तनाव के कारण शुरू हुआ. इसका लक्ष्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अधिकारियों ने कहा कि हम हर भारतीय को सुरक्षित घर लाएंगे. निकासी के पहले चरण में 110 भारतीय छात्रों को उत्तरी ईरान से निकाला गया. वहां फंसे छात्रों का पहला खेप आर्मेनिया के रास्ते 18 जून को दोपहर 2:55 बजे येरेवन से विशेष उड़ान में रवाना होकर गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचे. ईरान के बाद भारत ने इजराइल से भी निकासी शुरू की गई है. इजराइल में फंसे भारतीयों के लिए गुरुवार को अभियान शुरू हुआ है. उन्हें भूमि सीमा के रास्ते निकाला जा रहा है. इसके बाद हवाई मार्ग से भारत लाया जाएगा. तेल अवीव में भारतीय दूतावास इसकी देखरेख कर रहे हैं.  

इजरायल-ईरान के बीच बढ़ रहा तनाव

ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के बावजूद भारत के लिए अपवाद बनाया. इससे निकासी उड़ानों को संचालित करने में मदद मिली. यह भारत और ईरान के बीच सहयोग का उदाहरण है. दोनों देश मिलकर भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं. ईरान और इजराइल के बीच सैन्य हमले बढ़ गए हैं. इजराइल के हमलों ने मध्य पूर्व में तनाव बढ़ाया है. इस वजह से कई देश अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं. भारत ने तुरंत कदम उठाया ताकि कोई भारतीय खतरे में न रहे. भारत सरकार ने इस संकट में तेजी दिखाई. विदेश मंत्रालय और दूतावास 24 घंटे काम कर रहे हैं. निकासी प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं. भारतीयों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है. निकाले गए छात्रों के परिजनों ने राहत की सांस ली. दिल्ली पहुंचे छात्रों ने सरकार का आभार जताया.