ओट्स या दलिया! आपके लिए कौन-सा है ज्यादा फायदेमंद? जानें सही जानकारी 

ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकन फाइबर लंबे समय तक पेट भरा रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और ओवरईटिंग से बचा जा सकता है. यह वजन घटाने में मददगार है. वहीं, दलिया धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे बढ़ता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है.

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Oats or Daliya: हेल्दी खानपान की बात हो तो ओट्स और दलिया का नाम सबसे पहले आता है. ये दोनों ही पोषण से भरपूर हैं और वजन घटाने से लेकर हृदय स्वास्थ्य तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से आपके लिए कौन-सा अधिक फायदेमंद है? 

पोषक तत्वों का खजाना

डॉ. बताती हैं कि ओट्स में सॉल्युबल फाइबर, विशेष रूप से बीटा-ग्लूकन, पाया जाता है, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक है. इसमें प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक जैसे तत्व भी मौजूद हैं. दूसरी ओर, दलिया में अन्सॉल्युबल फाइबर, आयरन और विटामिन बी ग्रुप होता है. हालांकि इसमें प्रोटीन की मात्रा कम है, फिर भी यह आसानी से पचता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है.

वजन घटाने और पाचन में मदद

ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकन फाइबर लंबे समय तक पेट भरा रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और ओवरईटिंग से बचा जा सकता है. यह वजन घटाने में मददगार है. वहीं, दलिया धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर धीरे बढ़ता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद है. दोनों में फाइबर की अच्छी मात्रा पाचन को दुरुस्त रखती है. ओट्स का सॉल्युबल फाइबर गट माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखता है, जबकि दलिया का अन्सॉल्युबल फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है.

कैसे करें सेवन?

ओट्स हृदय के लिए अधिक फायदेमंद है क्योंकि यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. दलिया में फाइबर तो है, लेकिन हृदय स्वास्थ्य के लिए यह उतना प्रभावी नहीं है. ओट्स और दलिया को मीठे या नमकीन दोनों रूपों में बनाया जा सकता है, जैसे ओटमील, चीला, उपमा या दलिया खिचड़ी. इन्हें हेल्दी रखने के लिए कम तेल, मसाले और चीनी का उपयोग करें.