Eye twitching: भारतीय संस्कृति में आंख फड़कने को अक्सर शुभ या अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है. दाहिनी आंख फड़कने को सकारात्मक माना जाता है, जबकि बायीं आंख का फड़कना चिंता का कारण बन जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंख फड़कने का संबंध विज्ञान से भी हो सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार आंख फड़कना कोई अंधविश्वास नहीं, बल्कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी का लक्षण हो सकता है.
आंख फड़कने का वैज्ञानिक नाम और कारण
चिकित्सा विज्ञान में आंख फड़कने की स्थिति को मायोकिमिया (Myokymia) कहा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पलकों की मांसपेशियों में अनैच्छिक रूप से हल्की ऐंठन या कंपन होता है. मायोकिमिया आमतौर पर हानिरहित होती है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही हो, तो यह शरीर में पोषक तत्वों की कमी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है.
मैग्नीशियम की कमी
मैग्नीशियम एक आवश्यक खनिज है जो मांसपेशियों को आराम देने और तंत्रिका तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है. इसकी कमी होने पर मांसपेशियों में ऐंठन, कंपन या फड़कन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, आंख फड़कने का सबसे सामान्य कारण मैग्नीशियम की कमी हो सकता है. मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, काजू, और बीज इस कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं.
विटामिन बी12 की कमी और न्यूरोलॉजिकल प्रभाव
विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसकी कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें आंखों या चेहरे की मांसपेशियों का फड़कना शामिल है. शाकाहारी भोजन करने वाले लोगों में विटामिन बी12 की कमी अधिक देखी जाती है, क्योंकि यह मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है. अगर आपको बार-बार आंख फड़कने की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर विटामिन बी12 के स्तर की जांच करवाएं.
विटामिन डी की कमी
विटामिन डी की कमी न केवल हड्डियों को प्रभावित करती है, बल्कि मांसपेशियों की कमजोरी और थकान का कारण भी बन सकती है. यह कमी भी आंखों की पलकों में फड़कन को बढ़ा सकती है. सूरज की रोशनी, मछली, अंडे और फोर्टिफाइड डेयरी उत्पाद विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं. नियमित रूप से धूप में समय बिताने और विटामिन डी युक्त आहार लेने से इस समस्या को कम किया जा सकता है.
आंख फड़कने से निपटने के उपाय
यदि आपकी आंख बार-बार फड़क रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें. कुछ आसान उपायों से आप इस समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं:
अपने शरीर की सुनेंअगली बार जब आपकी आंख फड़के, तो इसे शुभ-अशुभ से जोड़ने के बजाय अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें. यह आपके शरीर का संकेत हो सकता है कि उसे आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरत है. अपनी जीवनशैली में सुधार करें, संतुलित आहार लें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं.
आंख फड़कना कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं. समय रहते सही कदम उठाकर आप इस समस्या से आसानी से निजात पा सकते हैं.