Dry mouth at night: रात में मुंह सूखना, जिसे चिकित्सा में ज़ेरोस्टोमिया कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें लार ग्रंथियां पर्याप्त लार का उत्पादन नहीं कर पातीं. इससे मुंह में चिपचिपाहट, जीभ में जलन और निगलने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह बार-बार हो तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है. आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय.
रात में मुंह सूखने के लक्षण
रात में मुंह सूखने के साथ कई अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. इनमें जीभ का खुरदुरा होना, बोलने में परेशानी, होंठों का फटना, मुंह से दुर्गंध और स्वाद की कमी शामिल है. लार बैक्टीरिया को नियंत्रित करती है, इसलिए इसकी कमी से दांतों में सड़न, मसूड़ों में इंफेक्शन और गले में खराश की शिकायत हो सकती है. बार-बार प्यास लगना और नींद में व्यवधान भी इसके लक्षण हैं.
किन बीमारियों का संकेत है यह?
रात में बार-बार मुंह सूखना कई स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करता है. मधुमेह (डायबिटीज) इसका प्रमुख कारण हो सकता है, जिसमें उच्च रक्त शर्करा के कारण शरीर में जल की कमी हो जाती है. थायरॉयड विकार, स्लीप एपनिया और स्जोग्रेन सिंड्रोम जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां भी लार उत्पादन को प्रभावित करती हैं. इसके अलावा, एंटीहिस्टामिन, एंटीडिप्रेसेंट या रक्तचाप की दवाएं भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं. डिहाइड्रेशन और सांस की एलर्जी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.
बचाव के प्रभावी उपाय
रात में मुंह सूखना सामान्य लग सकता है, लेकिन यह गंभीर बीमारियों का लक्षण हो सकता है. स्वस्थ जीवनशैली और सही आदतें अपनाकर आप इस समस्या से बच सकते हैं.