2017 मलयालम एक्ट्रेस असॉल्ट केस में एक्टर दिलीप बरी, मुख्य आरोपी दोषी करार; 8 साल बाद आया फैसला

मलयालम एक्ट्रेस असॉल्ट केस में एक्टर दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया. दिलीप इस केस में आरोपी नंबर आठ थे. करीब आठ साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले.

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Courtesy: X (@KasthuriShankar)

केरल की एक अदालत ने सोमवार को बहुचर्चित 2017 मलयालम एक्ट्रेस असॉल्ट केस में एक्टर दिलीप को सभी आरोपों से बरी कर दिया. दिलीप इस केस में आरोपी नंबर आठ थे. करीब आठ साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले.

वहीं, इस मामले में आरोपी नंबर एक से छह को दोषी पाया गया है. कोर्ट ने इन्हें रेप, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी, किडनैपिंग और अन्य गंभीर अपराधों का दोषी करार दिया. सभी को IPC की धारा 120B, 340, 354, 366, 354B और 376D के तहत दोषी ठहराया गया. यह फैसला एर्नाकुलम डिस्ट्रिक्ट और प्रिंसिपल सेशंस जज हनी एम वर्गीस ने सुबह 11 बजे सुनाया.

क्या है पूरा मामला?

कोच्चि में एक जानी-मानी मलयालम एक्ट्रेस का 17 फरवरी 2017 को किडनैप और कथित तौर पर दो घंटे तक कार में सेक्सुअल असॉल्ट किया गया था. इस घटना ने पूरे दक्षिण भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री को झकझोर दिया था. इस केस में कुल 10 आरोपियों के खिलाफ केस चला था, जिनमें पल्सर सुनी, मार्टिन एंटनी, मणिकंदन बी, विजेश वीपी, सलीम एच, प्रदीप, चार्ली थॉमस, सानिल कुमार उर्फ मेस्थरी सानिल और शरथ शामिल थे. सभी पर IPC की कई धाराओं के साथ IT एक्ट के प्रावधानों के तहत भी आरोप लगाए गए थे. दिलीप पर सबूत मिटाने की कोशिश का अलग आरोप भी जोड़ा गया था.

जांच और मुकदमे की लंबी कहानी

पुलिस ने अप्रैल 2017 में पहली चार्जशीट दायर की और उसी साल जुलाई में दिलीप को गिरफ्तार किया गया. आरोप था कि मुख्य आरोपी पल्सर सुनी ने जेल से उन्हें एक लेटर भेजा था. हालांकि, अक्टूबर 2017 में उन्हें ज़मानत मिल गई. इसके बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल हुई. कई आरोपी या तो बरी हो गए या सरकारी गवाह बन गए. 2018 में दिलीप ने जांच CBI को सौंपने की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.

2021 में फिल्ममेकर बालचंद्र कुमार के नए दावों के बाद आगे की जांच का आदेश दिया गया. वहीं 2022 में कोर्ट की कस्टडी में रखे गए मेमोरी कार्ड तक कथित गैर-कानूनी पहुंच को लेकर नई जांच शुरू हुई और हाई कोर्ट ने नए दिशानिर्देश भी जारी किए. कोर्ट ने दोषियों की सज़ा पर सुनवाई के लिए फैसला रिज़र्व रखा था, जिसकी घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी.