RBI Chief on Donald Trump Tariff: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपनी नीतिगत ब्याज दर को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया. बैंक ने अपने 'तटस्थ' रुख को भी बरकरार रखा. गवर्नर ने कहा कि फरवरी 2025 से लागू 100 आधार अंकों की दर कटौती का असर अभी भी अर्थव्यवस्था में दिख रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों ने वैश्विक अनिश्चितता बढ़ा दी है. ट्रंप ने 7 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू किया. मंगलवार को उन्होंने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर और टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी. गवर्नर मल्होत्रा ने टैरिफ पर सीधे टिप्पणी नहीं की, लेकिन कहा कि बाहरी मांग की संभावनाएं अनिश्चित हैं.
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. गवर्नर ने बताया कि सेवा क्षेत्र में तेजी बनी रहेगी. निर्माण और व्यापार में भी वृद्धि की उम्मीद है. हालांकि, वैश्विक व्यापार वार्ताओं और टैरिफ की वजह से बाहरी मांग पर असर पड़ सकता है. चालू खाते का घाटा (सीएडी) टिकाऊ स्तर पर रहने की उम्मीद है. गवर्नर ने कहा कि घरेलू विकास लचीला और व्यापक रूप से विकसित हो रहा है. मौद्रिक नीति का प्रभाव अभी भी अर्थव्यवस्था में फैल रहा है. इससे मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने की उम्मीद है.
आरबीआई ने कई नई पहल की घोषणा की. बैंक मृत ग्राहकों के खातों और लॉकरों में दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करेगा. इसके अलावा, रिटेल-डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर ट्रेजरी बिलों में सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) शुरू किया जाएगा. इससे छोटे निवेशकों को फायदा होगा. आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक होगी. वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और टैरिफ के बीच आरबीआई का यह कदम सतर्कता दर्शाता है. गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था स्थिर है, लेकिन वैश्विक चुनौतियों पर नजर रखना जरूरी है.