दिल्ली-एनसीआर के सड़कों पर नजर नहीं आएंगे आवारा कुत्ते, SC ने दिया सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने साफ किया कि इस आदेश का पालन बिना किसी समझौते के करना होगा. अदालत ने इसे गंभीर स्थिति बताते हुए कहा कि आवारा कुत्तों को सभी इलाकों, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों से तुरंत हटाना शुरू करें.

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Courtesy: Social Media

Supreme Court About Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर इलाके में आवारा कुत्तों की समस्या पर सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने आज यानी सोमवार को नगर निगम अधिकारियों को आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़ने, उनकी नसबंदी करने और उन्हें स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया. अदालत का यह आदेश रेबीज के बढ़ते मामलों और कुत्तों के काटने की घटनाओं को रोकने के लिए दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने साफ किया कि इस आदेश का पालन बिना किसी समझौते के करना होगा. अदालत ने इसे गंभीर स्थिति बताते हुए कहा कि आवारा कुत्तों को सभी इलाकों, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों से तुरंत हटाना शुरू करें. अधिकारियों को इसके लिए विशेष बल बनाने का भी निर्देश दिया गया है. अदालत ने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा प्राथमिकता

अदालत ने कहा कि यह आदेश जनता की सुरक्षा के लिए है, न कि किसी स्वार्थ के लिए. अदालत की ओर से कहा गया कि बच्चों और बुजुर्गों को रेबीज का शिकार नहीं होने देना चाहिए.  उन्होंने कहा कि अदालत चाहता है कि लोग बिना डर के सड़कों पर घूम सकें. उन्होंने यह भी साफ कहा कि इसमें किसी भी तरह की भावनाओं को इस कार्रवाई में आड़े नहीं आने देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2025 में एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था. रिपोर्ट में दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज के मामलों और मौतों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में, की खतरनाक वृद्धि का उल्लेख था.

सुप्रीम कोर्ट का 5-सूत्रीय आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या से निपटने के लिए पांच प्रमुख निर्देश जारी किए हैं:
1. दिल्ली के अधिकारियों को आठ सप्ताह के भीतर सीसीटीवी निगरानी और पर्याप्त कर्मचारियों के साथ आश्रय स्थल बनाना होगा. नसबंदी के बाद किसी भी कुत्ते को वापस नहीं छोड़ा जाएगा.
2.  छह सप्ताह के भीतर संवेदनशील क्षेत्रों से शुरू करते हुए 5,000 आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू करना होगा.
3.  दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के अधिकारियों को पकड़े गए कुत्तों का दैनिक रिकॉर्ड रखना होगा और उन्हें छोड़ने की अनुमति नहीं होगी.
4. एक सप्ताह के भीतर रेबीज और कुत्तों के काटने की शिकायतों के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी. अधिकारियों को चार घंटे के भीतर कार्रवाई करनी होगी.
5. अधिकारियों को रेबीज टीकों की उपलब्धता और स्टॉक पर विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी.