CDS Anil Chauhan: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने आधुनिक युद्ध में नवीनतम तकनीकों की अनिवार्यता पर बल दिया है. जनरल चौहान ने विदेशी तकनीकों पर निर्भरता को कम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "आयातित तकनीकों पर निर्भरता हमारी तैयारियों को कमजोर करती है." भारत को रणनीतिक मिशनों के लिए महत्वपूर्ण ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीकों को स्वदेशी बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठाने चाहिए.
ऑपरेशन सिंदूर
सीडीएस ने मई 2025 में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पर निहत्थे ड्रोन और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स तैनात किए थे. हमने इनका काइनेटिक और गैर-काइनेटिक तरीकों से सफलतापूर्वक मुकाबला किया. उन्होंने कहा. इस ऑपरेशन में किसी भी ड्रोन से भारतीय सैन्य या नागरिक ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ.
ड्रोन युद्ध की नई वास्तविकता
आधुनिक युद्धों में ड्रोन की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए सीडीएस ने कहा, "हाल के संघर्षों ने दिखाया है कि ड्रोन रणनीतिक संतुलन को असामान्य रूप से प्रभावित कर सकते हैं. यह अब केवल संभावना नहीं, बल्कि एक वास्तविकता है जिसका हम सामना कर रहे हैं." उन्होंने काइनेटिक और गैर-काइनेटिक उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि उभरते हवाई खतरों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.
भविष्य की रणनीति
सीडीएस ने स्वदेशी ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकों के विकास को प्राथमिकता देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत को नवाचार और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ना होगा ताकि भविष्य के युद्धों में तकनीकी बढ़त हासिल की जा सके.