Chhattisgarh electricity tariff: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घोषणा की है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2025-26 के लिए बिजली टैरिफ में केवल 1.89% की मामूली वृद्धि की है. यह वृद्धि पिछले कई वर्षों में सबसे कम है और पारदर्शी जनसुनवाई प्रक्रिया के बाद लागू की गई है. यह निर्णय घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर उद्योगों तक सभी ने सराहा है.
किसानों पर नहीं पड़ेगा बोझ
सीएम साय ने बताया कि घरेलू बिजली दरों में 10-20 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है, जबकि कृषि पंपों के लिए 50 पैसे की वृद्धि हुई है. हालांकि, यह राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से दी जा रही है, जिससे किसानों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा. सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रही है. यह कदम उद्योगों को प्रतिस्पर्धी बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
निर्बाध बिजली आपूर्ति
छत्तीसगढ़ में शहरी क्षेत्रों में 23.85 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे प्रतिदिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. कृषि फीडरों को 18 घंटे बिजली मिल रही है, जो देश में सर्वश्रेष्ठ है.
सौर ऊर्जा और भविष्य की योजनाएं
नए टैरिफ में ट्रांसमिशन, डिस्ट्रीब्यूशन और जनरेशन कंपनियों के लिए क्रमशः ₹2433 करोड़, ₹3977 करोड़ और ₹2992 करोड़ का प्रावधान है. कोरबा में ₹15,800 करोड़ की लागत से 1320 मेगावॉट का पावर प्लांट भी शुरू हो रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा.