भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. दोनों देशों ने दस वर्षीय रक्षा रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए बनाया गया है. हस्ताक्षर मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुए. भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. अमेरिका की तरफ से युद्ध सचिव पीटर हेगसेथ ने हिस्सा लिया. यह कार्यक्रम विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर की हाल की मुलाकात के बाद हुआ.
जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की थी. यह मुलाकात भी कुआलालंपुर में ही हुई. दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का यह नया प्रमाण है. समझौता दोनों राष्ट्रों की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करेगा.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि यह भारत और अमेरिका के बीच पहले से मजबूत रक्षा साझेदारी में नया युग शुरू करेगा. सिंह ने एक्स पर हेगसेथ के साथ अपनी तस्वीर डाली. इसके साथ उन्होंने लिखा कि रक्षा रूपरेखा भारत अमेरिका संबंधों को नीतिगत दिशा देगी. सिंह ने आगे कहा यह हमारे बढ़ते रणनीतिक अभिसरण का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा. रक्षा हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना रहेगा. हमारी साझेदारी एक स्वतंत्र खुले और नियम आधारित हिंद प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. सिंह की बातों से साफ है कि दोनों देश क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दे रहे हैं.
अमेरिकी युद्ध सचिव पीटर हेगसेथ ने भी उत्साह दिखाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंध पहले कभी इतने मजबूत नहीं रहे. दोनों देश समन्वय सूचना साझाकरण और तकनीकी सहयोग बढ़ा रहे हैं. हेगसेथ ने एक्स पर पोस्ट किया मैंने अभी राजनाथ सिंह से दस वर्षीय अमेरिका भारत रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर करने के लिए मुलाकात की है. यह हमारी रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाता है जो क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध की आधारशिला है. हेगसेथ की टिप्पणी से पता चलता है कि अमेरिका भारत को महत्वपूर्ण साझेदार मानता है. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को गहरा करेगा. संयुक्त अभ्यास और हथियार साझेदारी बढ़ेगी. हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी. दोनों नेता इस समझौते से खुश हैं.यह रक्षा समझौता ऐसे समय में हुआ जब दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव है.