चुनाव आयोग आज देश भर में करेगा SIR की तारीख की घोषणा, जानें क्यों जरूरी

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य मतदाता सूचियों को अद्यतन और सटीक बनाना है. इसमें नए मतदाताओं का नाम जोड़ना, गलत प्रविष्टियों को हटाना और अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान करना शामिल है.

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नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ईसी) आज, 27 अक्टूबर 2025 को कई राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की घोषणा करेगा. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस शाम 4.15 बजे होगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार करेंगे.

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उद्देश्य मतदाता सूचियों को अद्यतन और सटीक बनाना है. इसमें नए मतदाताओं का नाम जोड़ना, गलत प्रविष्टियों को हटाना और अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान करना शामिल है. यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. अधिकारियों के अनुसार, इस बार 10 से 15 राज्यों में पहले चरण का संशोधन शुरू होगा.

किन राज्यों में होगा संशोधन?

चुनाव आयोग उन राज्यों पर ध्यान देगा, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इनमें तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी शामिल हैं. हालांकि, जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं, वहां यह प्रक्रिया बाद में शुरू होगी. बिहार ने हाल ही में अपनी मतदाता सूची को अपडेट किया है, जिसमें 7.42 करोड़ मतदाताओं के नाम शामिल हैं. वहां 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी.

कई राज्यों ने पुरानी मतदाता सूचियां ऑनलाइन उपलब्ध कराई हैं. उदाहरण के लिए, दिल्ली में 2008 और उत्तराखंड में 2006 की सूचियां उपलब्ध हैं. अधिकांश राज्यों ने 2002 और 2004 के बीच गहन संशोधन किया था. ये पुरानी सूचियां वर्तमान संशोधन के लिए संदर्भ का काम करती हैं. इनके आधार पर मतदाताओं की जानकारी को ऐतिहासिक रिकॉर्ड के साथ मिलाया जाता है.

केवल वैध मतदाताओं को होगा वोट का अधिकार

मतदाता सूची संशोधन का एक प्रमुख लक्ष्य अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान करना है. इसके लिए जन्म स्थान का सत्यापन किया जाएगा. यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों से अवैध प्रवास के मामले सामने आ रहे हैं. इस प्रक्रिया से मतदाता सूचियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और केवल वैध मतदाताओं को ही वोट देने का अधिकार मिलेगा.

चुनाव आयोग ने इस कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के साथ दो बैठकें की हैं. इन बैठकों में संशोधन की रणनीति और समयसीमा पर चर्चा हुई. आयोग का लक्ष्य है कि सभी राज्यों में मतदाता सूचियां पूरी तरह सटीक और अद्यतन हों, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हों.