नई दिल्ली: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को सुबह बताया कि चक्रवाती तूफान मोन्था आंध्र प्रदेश तट पार करने के बाद कमजोर हो गया है. यह पहले भीषण चक्रवाती तूफान था जो अब साधारण चक्रवाती तूफान में बदल गया है. हालांकि तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाएं जारी हैं.
मौसम विभाग के अनुसार आंध्र प्रदेश के ऊपर बना भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और कमजोर होकर तूफान में बदल गया. तूफान का केंद्र नरसापुर से बीस किलोमीटर पश्चिम उत्तर पश्चिम में था. मछलीपट्टनम से पचास किलोमीटर उत्तर पूर्व और काकीनाडा से नब्बे किलोमीटर पश्चिम दक्षिण पश्चिम में स्थित था. डॉपलर रडार से इस पर नजर रखी जा रही है.
अधिकारी बताते हैं कि तूफान का कमजोर होना पहले के अनुमान से मेल खाता है. अंतर्देशीय क्षेत्र में जाने से इसकी ताकत कम हो गई. पश्चिम गोदावरी कृष्णा और पूर्वी गोदावरी जिलों में बारिश और हवाएं तेज हैं. निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है. चक्रवात मोन्था बुधवार तड़के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच तट पार कर गया.
विभाग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. ताजा जानकारी से संकेत मिलता है कि भीषण चक्रवाती तूफ़ान 'मोन्था' मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के दक्षिण में, आंध्र प्रदेश और यानन तटों को पार कर गया है. आधी रात के बाद जमीन पर पहुंचने की पुष्टि हुई.
तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफानी हवाएं चलीं. पेड़ उखड़ गए, कई जिलों में बिजली गुल हो गई. रात नौ बजकर तीस मिनट के बुलेटिन में तूफान पंद्रह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पश्चिम जा रहा था. मछलीपट्टनम से साठ किलोमीटर पूर्व काकीनाडा से सौ किलोमीटर दक्षिण दक्षिण पश्चिम विशाखापत्तनम से दो सौ तीस किलोमीटर दक्षिण पश्चिम और गोपालपुर से चार सौ अस्सी किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में था.
तूफान का प्रभाव तेलंगाना तमिलनाडु झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में होगा. अगले दिनों भारी बारिश की संभावना है. आंध्र प्रदेश सरकार ने सात जिलों में रात आठ बजकर तीस मिनट से सुबह छह बजे तक वाहनों की आवाजाही रोक दी. केवल आपात चिकित्सा सेवाओं को छूट है. लोगों से घर में रहने और यात्रा न करने की सलाह दी गई.